हरिद्वार,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि विपक्षी पार्टियां भी अयोध्या में राम मंदिर का खुलकर विरोध नहीं कर सकती क्योंकि वह देश की बहुसंख्यक जनसंख्या के इष्टदेव हैं। भागवत ने सोमवार को पतंजलि योगपीठ में संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ कार्यों को करने में समय लगता है। उन्होंने कहा सरकार की अपनी सीमायें होती हैं।’ संघ प्रमुख ने कहा कि साधु और संत ऐसी सीमाओं से परे हैं और उन्हें धर्म, देश और समाज के उत्थान के लिये कार्य करना चाहिए। यहां ‘साधु स्वाध्याय संगम’ को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘सरकार की सीमाएं होती हैं। देश में अच्छा काम करने वाले को कुर्सी पर बना रहना पड़ता है। मगर देश में यह वातावरण है कि यह काम नहीं हुआ तो कुर्सी तो जायेगी। कुर्सी पर बैठा कौन है, यह महत्त्वपूर्ण है।’ इस मौके पर दिये अपने संबोधन में योगगुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि जहां मंत्री और अमीर लोग अक्सर विफल हो जाते हैं वहां साधु सफल होते हैं। उन्होंने कहा, ‘’देश का वजीर और अमीर साधु संतों की उपेक्षा कर रहे हैं। हमको इन वजीरों और अमीरों से कोई आशा नहीं है। जो काम वजीर और अमीर नहीं कर पाते वह काम साधु संत करने में सक्षम हैं। ‘’