पशु चिकित्सालय के दो बाबुओ को रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ा

भोपाल, राजधानी कि लोकायुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वेटनरी अस्पताल जेल रोड जहांगीराबाद के दो बाबुओं को एक ही मामले में अलग अलग रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा है। बताया गया है कि दोनो आरोपियो ने अपने ही दफ्तर के एक सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी की वेतन पुस्तिका में नए वेतनमान की एंट्री के लिए यह रिश्वत मांगी ​थी। लोकायुक्त अफसरो ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 सितंबर को फरियादी विनोद सिंह सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी राज्य पशु चिकित्सालय भोपाल द्वारा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त भोपाल में शिकायत की गई थी की उनकी चिकितसालय के लिपिक मनोहरलाल मिथिल एवं पवन बाथम द्वारा समयमान वेतन एवं क्रमोन्नति आदेश का इंद्राज सेवा पुस्तिका मैं करने एवं और एरियर के लिए पांच हजार की रकम कि मांग की जा रही है, फरियादी ने लोकायुक्त अफसरो के बताया कि मनोहर लाल मैथिल सहायक ग्रेड 3 और पवन बाथम सहायक ग्रेड 3 द्वारा एक हजार की मांग की जा रही है, शिकायत मिलने पर इसका सत्यापन विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में करने पर शिकायत सही पाने पर शनिवार को टीम ने जाल बिछाते हुए राज्य पशु चिकित्सालय में ही दोनों कर्मचारीयो को फरियादी विनोद सिंह से चार एवं एक हजार की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। लोकायुक्त डीएसपी नवीन अवस्थी ने बताया कि मनोहर लाल मैथिल को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते और पवन बाथम को 1 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप किया गया है। लोकायुक्त अफसरो ने आगे बताया कि फरियादी से इन दोनों सहायकों ने अलग अलग रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त ने शिकायत मिलने के बाद विनोद सिंह को पांच- पांच सौ के चार हजार रुपए के नोट लेकर पहले मनोहर लाल के पास भेजा। मनोहर लाल ने रिश्वत के पैसे लेकर जैसे ही अपनी पेंट की जेब में रखी, लोकायुक्त टीम ने उसे दबोच लिया। अफसरो ने आगे बताया कि मनोहर लाल मैथिल को ट्रैप करने के दस मिनिट के बाद ही दूसरे कमरे में बैठे पवन बाथम को विनोद सिंह द्वारा एक हजार की रिश्वत सौ-सौ के नोटों में लेते हुए ट्रैप कर लिया गया। पवन बाथम ने रिश्वत के पैसे लेकर अपने टेबल की दराज में रख लिए थे। टीम द्वारा पूरी कार्रवाई इतनी जल्द और गोपनियता से हुई कि मनोहर लाल मैथिल को ट्रैप करने की खबर पवन बाथम तक पहुंचने से पहले ही उसे भी ट्रैप कर लिया गया। दोनों कर्मचारियों खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हे गिरफ्तार किया गया हालांकि प्रारभिंक कार्यवाही के बाद दोनो को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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