मुंबई,चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंकाओं को दूर करने के लिये कुल 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क बढाये जाने और बैंकों की तरलता बढाने के संबंध में रिजर्व बैंक की घोषणा जैसी सकारात्मक खबरों के बावजूद अधिकतर विदेशी बाजारों में रही गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में एक फीसदी की बढ़त के दबाव में घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढोतरी के बीच गुरुवार को कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 218 अंक टूटकर 36,324 अंक पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 76 अंक की गिरावट में 10,978 अंक पर बंद हुआ। दिग्गज कंपनियों की अपेक्षा बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप में अधिक बिकवाली देखने को मिली।
बीएसई का मिडकैप 336 अंकों की गिरावट के साथ 15,005 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप 300 अंकों की गिरावट के साथ 14,940 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत भी तेजी के साथ हुई। सेंसेक्स सुबह 150 अंकों की तेजी के साथ 36,692 पर खुला। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 36,712 के ऊपरी और 36,238 के निचले स्तर को छुआ। इसी तरह निफ्टी 26 अंकों की तेजी के साथ 11,080 पर खुला। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 11,089 के ऊपरी और 10,953 के निचले स्तर को छुआ।
गुरुवार को बीएसई में कुल 2,738 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें 156 कंपनियों के शेयरों के दाम स्थिर रहे जबकि 1,814 में गिरावट और 768 में तेजी रही।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में एक फीसदी की तेजी और फेड रिजर्व के ब्याज दर बढाने की घोषणा से हतोत्साहित होकर देशी-विदेशी निवेशकों द्वारा की गयी बिकवाली के दबाव में बाजार में गिरावट बढ़ी।