नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने एक विज्ञापन एजेंसी को 6।2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आश्वसन देने के बावजूद उस पर अमल नहीं करने के मामले में रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को ट्रायल का सामना करने के आदेश दिए। उनपर धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत और ठगी का ट्रायल चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के प्राथमिकी रद्द करने के फैसले को पलटते हुए कहा कि हाईकोर्ट को शुरुआती दौर में ही ये कहकर केस को रद्द नहीं करना चाहिए था कि ये मामला ठगी या धोखाधड़ी का नहीं है बल्कि एग्रीमेंट में ब्रीच का है। अब प्राथमिकी पर फिर से जांच होगी और चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म स्टार रजनीकांत की पत्नी को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी या तो एड ब्यूरो कंपनी को लोन के 6।2 करोड़ रुपये चुकाएं या फिर ट्रायल फेस करने को तैयार रहें। कोर्ट ने कहा था कि 10 जुलाई को बताएं कि पैसे चुकाए या नहीं। कोर्ट ने कहा था कि जब आदेश दिए गए तो लोन की रकम क्यों नहीं चुकाई गई। 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक्टर रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को 6।2 करोड़ रुपये 12 हफ्ते में एड फैक्टर नाम की कंपनी को देने कहा था।
फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर तमिल मेगास्टार रजनीकांत की पत्नी की कंपनी वन ग्लोबल इंटरटेंमेंट पैसे अदा नही करती तो रजनीकांत की पत्नी लता को ये पैसे देने होंगे। दरअसल याचिका में कहा गया है लता ने ‘कोचादाइयान’ फिल्म के टेलीकास्ट राइट के मामले में फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था। इस मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। कंपनी ने याचिका में ये भी कहा है कि लता ने दस करोड़ रुपये ले लिए और फिल्म का राइट किसी दूसरी कंपनी को बेच दिया।