शहडोल-उमरिया वन क्षेत्र में करंट फैला कर बाघों का किया जा रहा शिकार

अनूपपुर,इन दिनों शहडोल संभाग के शहडोल और उमरिया वन क्षेत्र में लगातार जंगली जानवरों की मौत हो रही है। शहडोल संभाग में दो महीने के अंदर पांच बाघ और एक तेंदुए की मौत हो चुकी है,यह पूरा क्षेत्र धीरे-धीरे टाईगर रिजर्व एरिया टाईगर डेथ जोन में बदलता जा रहा है।
शहडोल संभाग मुख्यालय के समीप एवं उमरिया व अनूपपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र बिरसिंहपुर पाली, पडमनिया क्षेत्र में उमरिया जिला अंतर्गत शिकारियों द्वारा कई जानवरों का विगत माह शिकार किया जा चुका है। जानकारी मिली है कि उमरिया, शहडोल जिले में कई चीता, भालू, हिरण, शेर बेमौत मारे जा चुके हैं।
फिर ग्राम देवरा में बाघ का मिला शव
शहडोल जिले के जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र के कौआ सरई बीट में शनिवार की सुबह वयस्क बाघ का शव देवरा गांव के पास एक खेत में मिला। यह बाघ दो माह पहले से यहां आस-पास घूम रहा था वह बाघ चंूदी नदी के पास एक मवेशी का शिकार किया था। इसके बाद वन विभाग की टीम ने इस पर नजर रखी थी, कैमरे लगाये थे, जिसमें इसका मूवमेंट कैद हो गया था। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि देवरा गांव के पास जिस बाघ का शव मिला है यह वहीं बाघ है जो इधर आस-पास घूम रहा था। इसके अलावा तीन और बाघ यहां घूम रहे हैं।
करंट से हुई बाघ की मौत
वन विभाग का मानना है कि क्षेत्र के शिकारियों ने सुअर मारने के लिए करंट फैलाया था, जिसमें बाघ फंस गया। बाघ को जब करंट लगा और वह मर गया तो आरोपी उसे उठाकर लगभग १०० मीटर दूर खेत में ले जाकर फेंक दिया है। करंट लगने के बाद वह कुछ देर तक जीवित था तो उसके सर में चोट देकर उसे मारे भी हैं।
डॉग स्कॉड पहुंची घटना स्थल
सतना से डॉग स्कॉड की टीम घटना स्थल पर पहुंची। इसके बाद इन संदेहियों तक जैसे डॉग पहुंचता गया, वन विभाग सबकों पकडता गया। वह जीआई तार भी इनके पास ेस जब्त हुआ है जो बाघ के गले में मौत का फंदा बन गया। जिन संदेहियों को पकडा गया है उनमें लहटक बैगा, रूरू बैगा, छोटे बैगा, मंगलदीन बैगा, काशी बैगा, बबल बैगा सहित सात लोग शामिल हैं।
साढ़े पांच बजे ट्रिप हुई थी लाईट
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे इस क्षेत्र की बिजली भी ट्रिप हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि सुबह ही बाघ करंट में फंसा है। मारने के बाद आरोपियों ने बाघ को घटना स्थल से उठाकर लगभग 100 मीटर लेकर गये थे तब तक सुबह हो गई और डर के मारे छोडकर भाग गये। इसके बाद वहां हमेशा की तरह खेत का मालिक अयोध्या पाण्डेय घूमते हुए अपने खेत की ओर आया तो देखा कि उसके खेत में बाघ पडा हुआ है। पहले उसे लगा कि बाघ जिंदा है, लेकिन कुछ मिनट तक जब कोई मूवमेंट नहीं हुई तो उसने इसकी सूचना वन विभाग को दी। उल्लेखनीय है कि अगर राज्य शासन द्वारा समय रहते वन अमले पर कसौटी नहीं की गई तो शहडोल संभाग का इलाका टाईगर डेथ जोन साबित होगा।

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