UP में जल्द आएगी बायोमास आधारित बिजली उत्पादन की नीति

लखनऊ,उत्तर प्रदेश में जल्द ही बायोमास आधारित बिजली उत्पादन की नीति आएगी। यह जानकारी आज अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा अध्यक्ष-उद्योग बन्धु,अनूप चन्द्र पाण्डे की अध्यक्षता में द्वितीय उच्च स्तरीय बैठक में दी गई जो योजना भवन में आयोजित की गई थी। इसमें अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु सन्तोष कुमार यादव व संयुक्त अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु आलोक कुमार पाण्डे के साथ लगभग 50 उद्यमियों सहित 15 सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव व विभागाध्यक्ष मौजूद थे।
उद्योग बन्धु के अध्यक्ष व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डे ने सभी उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य में विद्यमान उद्योगपति व उद्यमी उत्तर प्रदेश के ब्राण्ड एम्बेस्डर हैं, अतः मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उद्योगों की समस्याओं को संबंधित उद्योगपतियों को आमंत्रित कर निराकरण किया जा रहा है। आईआईडीसी ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों को बार-बार होने वाले निरीक्षणों से राहत देने के उद्देश्य से श्रम कानूनों का सबसे अधिक सरलीकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है। उन्होंने निर्देशित किया कि फैक्टरी एक्ट, श्रम कानून एवं प्रदूषण नियंत्रण के प्राविधानों के अन्तर्गत संयुक्त निरीक्षण हेतु समय-सारणी बना कर एक पारदर्शी व्यवस्था शीघ्र स्थापित की जाए।
अपर मुख्य सचिव श्रम, आर. के. तिवारी द्वारा सूचित किया गया कि अब उद्यमियों को आॅनलाइन आवेदन की सुविधा के साथ ही फैक्टरी एक्ट तथा ब्यालर एक्ट के तहत क्रमशः स्वप्रमाणन तथा तृतीय पक्ष द्वारा निरीक्षण का विकल्प उपलब्ध है। जो इकाइयाँ इस विकल्प का चयन करेंगी उनका कम्प्यूटर-जनित रेण्डम निरीक्षण पांच वर्ष में एक बार किया जाएगा तथा निरीक्षण रिपोर्ट 48 घण्टे में उपलब्ध करा दी जाएगी।
आईआईडीसी ने निर्देशित किया कि राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र में उ.प्र. के भाग में भू-उपयोग परिवर्तन दरों को पड़ोसी राज्यों की दरों की तुलना में एक माह की अवधि में युक्तिसंगत बनाया जाए, जिससे राज्य में उद्योग स्थापित करने वाले निवेशकों को किसी प्रकार की हानि न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि उ.प्र.राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) द्वारा उद्योगों से लिए जाने वाले मेंन्टेनेंस चार्ज की उच्चतम् सीमा एक माह में निर्धारित कर उसे युक्तिसंगत बनाया जाए। पेट कोक एवं फर्नेस आॅयल की बिक्री व वितरण पर प्रतिबन्ध के दृष्टिगत् आईआईडीसी ने निर्देशित किया कि जो उद्यमी मानकों का अनुपालन कर रहे हैं उनको व्यवसाय की अनुमति देने हेतु मा. न्यायालय में शपथ-पत्र दिया जाए तथा इस सम्बन्ध में 24 जनवरी 2018 से पूर्व पर्यावरण व वन मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध किया जाए। गाजियाबाद स्थित निजी औद्योगिक क्षेत्र में अग्निशमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हाई प्रेशर वाटर हाइड्रेन्ट की स्थापना हेतु अनूप चन्द्र पाण्डे ने नगर विकास विभाग को निर्देशित किया कि इस कार्य को अविलम्ब सम्पादित कराया जाए। मण्डी शुल्क से छूट हेतु मण्डी परिषद द्वारा औद्योगिक इकाई की स्थापना की तिथि का निर्धारण एक माह में करने के निर्देश देते हुए आईआईडीसी ने कहा कि उद्योगों को उपलब्ध सभी सुविधाओं की स्वीकृति की पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए। औद्योगिक नीति के अनुसार पात्र उद्योगों को दी जाने वाली इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट के सम्बन्ध में सूचित किया कि इसके लिए अधिसूचना दो सप्ताह में जारी कर दिया जाएगी। आईआईडीसी ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) को निर्देशित किया कि गोरखपुर में मेगा फूड पार्क की स्थापना हेतु भूमि का प्रबन्ध शीघ्र किया जाए तथा विस्तारीकरण शुल्क के सम्बन्ध में यूपीएसआईडीसी की व्यवस्था के अनुरूप ही गीडा में प्राविधान किया जाए।

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