नई दिल्ली, दिल्ली से सटे गुरुग्राम में सेक्टर-44 स्थित फोर्टिस अस्पताल में 7 वर्षीय आद्या की मौत और अधिक बिल का मामला शांत भी नहीं हुआ है कि एक और अधिक बिल वसूलने का मामला सामने आया है। अस्पताल पर आरोप है कि पथरी का इलाज करवाने गए दौलताबाद के किसान भीम सिंह को अस्पताल प्रबंधन 42 दिन के इलाज के बदले में 36 लाख थमाया । इस मामले में भीम सिंह के बेटे जगदीप सिंह ने सिविल सर्जन को लिखित शिकायत दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री को भी शिकायत भेजी है। हालांकि फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया। आद्या मामले के बाद फोर्टिस से पीड़ित शिकायतकर्ता सामने आने लगे हैं। दौलताबाद निवासी 60 साल के भीमसिंह के बेटे जगदीप सिंह का कहना है कि 27 अप्रैल 2016 में शहर के पार्क अस्पताल में पथरी की परेशानी को लेकर भर्ती हुए थे। 28 अप्रैल को यहां ऑपरेशन हुआ, लेकिन इसके बाद उनकी तबीयत बिगडने लगी। 30 अप्रैल तक होश नहीं आने पर उसी दिन शाम को डॉक्टर ने सेक्टर-44 फोर्टिस अस्पताल रेफर किया। यहां 03 मई तक स्थिति सुधरने लगी। डॉक्टर ने 10 मई को कहा कि पेट में गैस की समस्या होने से उनकी बड़ी आंत भी फट गई। इस वजह से उनकी किडनी भी खराब हो गई। 07 जून तक इलाज किया। इस दौरान अस्पताल ने 36.68 लाख रु का बिल बना दिया।
सीआरपीएफ में बतौर कांन्सटेबल कार्यरत जगदीप ने कहा कि मिन्नत करने के बाद अस्पताल ने 24.04 लाख रुपये का बिल दिया। इस बिल को चुकाने के लिए रिश्तेदारों से उधार लिए। जो आज तक चुका रहे हैं। गौरतलब है कि इस मामले में भीम सिंह के बड़े भाई रामनिवास ने जून 2016 में सीएमओ को शिकायत दी थी। जिस पर जांच कमटी भी बनाई गई थी। सीएमओ की टीम ने कहा था इलाज में कोई गलती नहीं है। उस वक्त अधिक बिल की बात नहीं हुई थी। आद्या का मामला उछलने के बाद दोबारा से परिवार वालों ने शिकायत दी है और अधिक बिल वसूलने समेत गलत इलाज का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
फोर्टिस ने 42 दिन में किसान को दिया 36 लाख का बिल
