बच्चों को जानलेवा कैंसर से बचाता है स्तनपान

लॉस एंजेलिस,एक ताजा शोध में पता चला है कि जो महिलाएं अपने नवजात बच्चों को पर्याप्त समय तक स्तनपान कराती हैं उन बच्चों में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा कम होता है। इस शोध में कहा गया है कि जिन नवजात को मां के दूध के साथ प्रोबायोटिक सप्लिमेंट देती है उनकी पाचन प्रक्रिया काफी बेहतर होती है और उनमें डाइबिटीज के साथ कुछ कैंसर होने का खतरा भी कम हो जाता है। इस शोध से जुड़े मुख्य रिसर्चर मार्क अंडरवुड ने कहा कि अगर जन्म होने के बाद से ही बच्चों को मां के दूध के साथ ही प्रोबायोटिक भी दिए जांए तो वो बच्चों की पाचन प्रक्रिया का बेहतर बनाते हैं जिससे बच्चा लंबे समय तक स्वस्थ रहता है। इतना ही नहीं ये शिशु को कई तरह की एलर्जी, डाइबिटीज और कुछ खास तरह के कैंसर से भी बचाता है।
इससे पहले भी शोध में पाया गया है कि स्तनपान से बच्चों में अस्थमा होने का खतरा कम होता है। मार्क ने कहा,हमने रिसर्च में पाया कि जन बच्चों के पैदा होने के 28 दिन बाद हमने प्रोबायोटिक देने बंद कर दिए, उनमें 60 दिनों से भी ज्यादा वक्त तक ये जीव शरीर में मौजूद थे। बता दें कि प्रोबायोटिक खास तरह के बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर को भीतर से स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। शोध के मुताबिक ये बैक्टीरिया मां के दूध में पाए जाने वाले मीठे तत्वों के साथ मिलकर शिशुओं में के अंदर पनपने वाले खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं। इसी के चलते बच्चों में डाइबिटीज, एलर्जी और अस्थमा,आईबीएस और कुछ खास तरह के कैंसर होने का खतरा काफी कम होता है।
वैज्ञानिकों के इस रिसर्च के तहत 66 स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को शामिल किया। इनमें से 34 महिलाओं के नवजात बच्चों को तीन हफ्ते तक एक खास तरह का प्रोबायोटिक सप्लीमेंट दिया गया। बाकी महिलाओं को ये प्रोबायोटिक्स नहीं दिए गए। शिशुओं के जन्म के 60 दिनों बाद वैज्ञानिकों पाया कि उनके शरीर में खास तरह के बैक्टीरिया तैयार हो गए जो हानिकारक बीमारियों से तड़ने में मदद करते हैं। वहीं जिन महिलाओं को सप्लीमेंट नहीं दिया गया था उनमें ये उपयोगी बैक्टीरिया नहीं मिले।

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