वाराणसी,वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल अस्पताल में उपचार के दौरान चिकित्सकों ने पाया कि एक तीन माह के बच्चे के पेट में 450 ग्राम का भ्रूण विकसित हो रहा है। यह देख कर चिकित्सक हैरान रह गए। इसके बाद चिकित्सकों ने इस भ्रूण को आपरेशन कर निकाल दिया। आपरेशन के बाद बच्चे की स्थिति सामान्य है।
पूरे देश में ऐसे 40 मामले अब तक सामने आए हैं। बीएचयू के इतिहास में अपनी तरह का यह तीसरा मामला है। बिहार के भभुआ की रहने वाली रंजू के तीन माह के बच्चे का पेट लगातार फूलता जा रहा था। बच्चा दूध भी बहुत कम पीता था। पटना में इलाज कराने पर डॉक्टरों ने किडनी में ट्यूमर बता ऑपरेशन कराने की सलाह दी थी। इसके बाद मां-बाप कुछ दिनों पहले बच्चे को बीएचयू अस्पताल दिखाने के लिए लाए।
बीएचयू के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के सीनियर सर्जन डॉ, एसपी शर्मा ने बताया कि बच्चे को देख लगा कि उसके बाएं साइड पेट में बड़ा ट्यूमर है। जांच कराए जाने पर किडनी में ट्यूमर नहीं होने की जानकारी सामने आई। ऐसे में डॉ. शर्मा के नेतृत्व में कई डॉक्टरों की टीम ने एक सप्ताह पहले ऑपरेशन किया तो पेट में अविकसित भ्रूण दिखाई पड़ा। भ्रूण की लंबाई करीब 13 सेंटीमीटर थी और हाथ, ब्रेन और फेफड़ा विकसित हो रहा था। इससे बच्चे को सांस लेने और खाने-पीने में दिक्कतें शुरू हो गई थीं। डॉ. शर्मा के मुताबिक लड़की के पेट में भ्रूण विकसित होने की संभावना ज्यादा रहती है, लेकिन इस मामले में ऐसा लड़के के साथ हुआ था। इसमें बच्चे के पेट में भ्रूण ट्यूमर की तरह ही विकसित हो रहा था। ऑपरेशन के जरिए भ्रूण को निकाल देने के बाद बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
तीन माह के बच्चे के पेट से निकला 450 ग्राम का भ्रूण
