न‌िठारी केसः पंधेर, कोली को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

नई दिल्ली,सीबीआई की विशेष अदालत ने बहुचर्चित निठारी कांड के नौवें केस में शुक्रवार (8 द‌िसंबर) को अभियुक्त सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर को हत्या, रेप, अपहरण और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। ‌इसके साथ ही अदालत ने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की अदालत ने करीब 15 मिनट की सुनवाई के बाद दोनों को दोषी करार दे दिया था। वहीं शुक्रवार को सजा पर बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 1 बजे के बाद दोनों को फांसी की सजा सुना दी।
– क्या है मामला
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा का कहना है कि अदालत में निठारी कांड के नौवें मामले में (19 वर्षीय युवती की हत्या) में अभियुक्त सुरेंद्र कोली और कोठी डी-5 नोएडा सेक्टर 31 के मालिक मोनिंदर सिंह पंधेर के मामले में फैसला सुनाया। सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, रेप, और साक्ष्य मिटाने के लिए दोषी करार दिया। वहीं, पंधेर को हत्या, रेप में शामिल होने, सबूत मिटाने में सह अभियुक्त करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि कोली के अपराध में पंधेर ने सहयोग किया, इसलिए वह भी उतना ही दोषी है, जितना कि कोली। दोनों को डासना जेल भेज दिया गया है। इससे पहले कोली को आठ मामलों में फांसी की सजा मिल चुकी है। वहीं, मोनिंदर सिंह पंधेर को निठारी के दो केसों में दोषी ठहराया जा चुका है। पश्चिम बंगाल निवासी 19 वर्षीय युवती अपने मामा के साथ निठारी में रहकर घरों में मेड का काम करती थी। 12 अक्तूबर 2006 को नोएडा सेक्टर 20 थाने में उसके मामा ने तहरीर दी थी कि भांजी काम से घर नहीं लौटी। 30 दिसंबर 2006 को रिपोर्ट दर्ज हुई। निठारी की डी-5 कोठी में खुदाई के दौरान युवती के कपड़े व चप्पल व बरामद हुए थे। मृतका के दांत से डीएनए लेकर मां के डीएनए से मिलाकर पहचान हुई। सीबीआई ने 11 जनवरी 2007 को मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। दो जुलाई 2007 को सीबीआई ने चार्जशीट पेश की थी। मुकदमे में कुल 346 दिन कार्रवाई चली। सीबीआई ने 38 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष ने महज एक गवाह मोनिंदर सिंह पंधेर की कंपनी में प्रबंधक विशाल वर्मा को पेश किया है।

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