MP में सहकारी संस्थाओं में अब नेता भी बन सकेेंगे प्रशासक

भोपाल, प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में अब नेता भी प्रशासक बन सकेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए सहकारी अधिनियम में प्रशासक की परिभाषा में बदलाव कर दिया गया है। दिसंबर के बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर समितियों में प्रशासकों की नियुक्तियां होंगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद ऐसे सहकारी नेता, जो किसी समिति के सदस्य हों, उन्हें भी प्रशासक नियुक्त किया जा सकेगा। सूत्रों की माने तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार किसी दूसरे बड़े चुनाव में नहीं फंसना चाहती है। यही वजह है कि जनवरी के पहले पखवाड़े में प्रशासक नियुक्त करने की तैयारी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के संचालक मंडल का चुनाव काफी समय से नहीं हो पा रहा है। हाईकोर्ट में दो-तीन मामले चल रहे हैं और कुछ जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के संचालक मंडल को लेकर विवाद है तो कुछ बैंकों में कोरम का अभाव है। इसके कारण अपेक्स बैंक में सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव को प्रशासक बनाया गया है।
इसी तरह अन्य संस्थाओं में भी तृतीय श्रेणी कार्यपालक स्तर से अधिक के अधिकारियों को प्रशासक बनाया गया है। इसको लेकर कानूनी प्रावधानों में बदलाव की बात काफी समय से चल रही थी। विधानसभा के मानसून सत्र में सहकारी अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक भी लाया गया था पर समय से पहले सत्र समाप्त होने की वजह से यह पारित नहीं हो पाया। इसके बाद अध्यादेश लाया गया था, जिसका अब विधेयक प्रस्तुत किया गया है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनवरी में प्रदेश की अधिकांश प्राथमिक साख सहकारी समितियों के संचालक मंडलों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। नियमानुसार इन समितियों के चुनाव होने चाहिए, लेकिन समितियों के पुनर्गठन का हवाला देकर चुनाव टाले जा रहे हैं।

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