मंदसौर के पशुपतिनाथ का आरओ जल से होगा अभिषेक,पुजारी ही करेंगे पूजा

मंदसौर,मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित प्रसिद्ध भगवान अष्टमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में सोमवार से लागू की गई नई व्यवस्था के तहत अब मंदिर के पुजारी ही भगवान पशुपतिनाथ का जलाभिषेक कर और भोग लगा सकेंगे। पुजारी जलाभिषेक भी आरओ के जल से ही करेंगे। आम श्रद्धालु अब प्रतिमा को स्पर्श नहीं कर सकेंगे। पशुपतिनाथ महादेव प्रबंध समिति की 6 नवम्बर-2017 को आयोजित बैठक में यह निर्णय लिए गए तथा इनका पालन 27 नवंबर से किया जाना निर्धारित किया गया। 27 नवम्बर 1961 को मन्दिर में मूर्ति की स्थापना हुई थी तथा स्थापना से 26 नवंबर तक आम जनता जलाभिषेक, आरती और श्रृंगार आदि करती आ रही थी। कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष ओपी श्रीवास्तव ने नई व्यवस्था को भोग के समय उपस्थित रह कर देखा। समिति के प्रबंधक राहुल रुनवाल ने बताया कि समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, मूर्ति और जलाधारी के आसपास चार फीट ऊंची रेलिंग लगा दी गई है, जिससे अंदर कोई प्रवेश नहीं कर सकेगा। अभिषेक के लिए रेलिंग के तीन तरफ जलपात्र लगे रहेंगे, जिनमें कोई भी श्रद्धालु जल डाल सकेगा, जो जलाधारी में जाएगा। यह अभिषेक भी सुबह 5 बजे से 9 बजे तक ही किया जा सकेगा। मन्दिर के पुजारी पं. सुरेंद्र आचार्य औऱ पं. कैलाश भट्ट ने बताया कि समिति द्वारा किए गए निर्णय अच्छे हैं और जलाभिषेक, श्रृंगार हम स्वयं ही कर रहे हैं। वहीं पशुपतिनाथ महादेव प्रातःकालीन आरती मंडल के अध्यक्ष एवं नगरपालिका के अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रहलाद बंधवार ने कहा कि प्रबंध समिति ने जो निर्णय लिया है, वह अच्छा नहीं है। यह तानाशाहीपूर्ण निर्णय कतई उचित नहीं है। मूर्ति का यदि क्षरण हो रहा है, तो वह ठीक कराया जाए। मंदिर की प्रबंध समिति में भाजपा के विधायक यशपालसिंह सिसोदिया भी शामिल हैं और उनकी उपस्थिति में ही समिति के बैठक में यह निर्णय किए गए थे।
बता दें कि पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में छह दान पात्र लगे हैं। मंदिर को प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपये से अधिक का दान मिलता है। समिति के पास इस समय पांच करोड़ रुपये की राशि जमा है।
महाकाल मंदिर में भी लागू हैं निर्देश:-
सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में ज्योर्तिलिंग को क्षरण से रोकने के लिए आरओ जल से सीमित मात्रा में अभिषेक करने सहित ज्योर्तिलिंग को कपड़े से पूरा ढंग कर भस्म आरती करने के निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों पर अमल शुरू हो गया है।

 

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