चंडीगढ़,हरियाणा के वरिष्ठ नौकरशाह अशोक खेमका ने एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की एक पीठ का अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल उठाया है। खेमका ने कहा कि ये अधिकारी उस समिति के अध्यक्ष रहे हैं, जिसने सन 2012 में वाड्रा डीएलएफ जमीन सौदे को क्लीन चिट दी थी। खेमका ने उनकी रियल इस्टेट विनियामक जैसे जिम्मेदार पद पर नियुक्ति पर आपत्ति जताई है। उल्लेखनीय है कि खेमका ने उस समय राष्ट्रीय चर्चा बटोरी थी, जब उन्होंने सन 2012 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे का एक ‘दाखिल खारिज’ रद्द कर दिया था।