जिला शिक्षा केन्द्र घोटाले की राशि बढ़कर पहुंची 2 करोड़ 43 लाख अब खुलने लगीं परत दर परत

बैतूल, जिला शिक्षा केन्द्र में 1 करोड़ 88 लाख के घोटाले के मामले में दर परत दर खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की जांच में पहले घोटाले की राशि कुछ फाईल के बाद बढ़ी थी, लेकिन लगभग दो सप्ताह बाद इस मामले में पुलिस और जिला शिक्षा केन्द्र की संयुक्त जांच में 9 और खाते सामने आए हैं। इसके बाद घोटाले की राशि बढ़कर करीब 2 करोड़ 43 लाख पर पहुंच गई है। इससे संभावना और अधिक बलवती हो गई है कि यह घोटाला और अधिक बढ़ सकता है।
गत 6 नवम्बर को जिला शिक्षा केन्द्र के डीपीसी अशोक पराड़कर की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने पूर्व डीपीसी जीएल साहू, सहायक परियोजना समन्वयक वित्त बैतूल मुकेश सिंह चौहान, हरदू में पदस्थ रहे जन शिक्षक इंद्रमोहन तिवारी, चिरापाटला के पदस्थ रहे शिक्षक रावेन्द्र तिवारी, बीजादेही में पदस्थ रहे सुनील सुनारिया एवं जन शिक्षक दिनेश देशमुख के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा के तहत प्रकरण दर्ज किया था। सभी पर आरोप थे कि गरीब बच्चों को शिक्षित करने के नाम पर शासन से मिले 1 करोड़ 88 लाख की राशि इन्होंने डकार ली। कोतवाली पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार चल रहे हैं। पुलिस ने भले ही मामला दर्ज कर लिया, लेकिन जांच की गति धीमी चल रही है। इसी वजह आरोपियों को अग्रिम जमानत की संभावनाएं भी बढ़ गई है।
जांच में 9 अन्य खाते आए सामने
इधर कोतवाली पुलिस और जिला शिक्षा केन्द्र की संयुक्त जांच में नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपियों से मिली फाईलों के बाद 9 अन्य खाते सामने आए हैं। मामला दर्ज होने के बाद विभाग द्वारा रिकार्ड की जांच में इन खातों को संचालित होना पाया गया है। इनमें खपरिया प्राथमिक शाला में 4 औ झडिय़ाडोह प्राथमिक शाला के नाम पांच एकाउंट आरोपियों ने खोले थे। इन 9 खातों से लगभग 40 लाख रूपए की हेराफेरी का और रिकार्ड मिल गया है। यह घोटाला अब 1 करोड़ 88 लाख से बढ़कर 2 करोड़ 43 लाख पर पहुंच गया है। सभी खातों की जानकारी पुलिस ने निकालकर अपने पास रख ली है। इसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी।
अभी तक नहीं की गई कार्रवाई
जिला शिक्षा केन्द्र बैतूल में गरीब बच्चों को शिक्षित करने के नाम पर पूर्व डीपीसी समेत पांच अन्य आरोपियों पर अभी तक शासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। इधर पूर्व डीपीसी और वर्तमान में छिंदवाड़ा में पदस्थ डीपीसी जीएल साहू, सहायक परियोजना समन्वयक वित्त मुकेश सिंह के खिलाफ विभागीय जांच करने के लिए जिला शिक्षा केन्द्र ने राज्य शिक्षा केन्द्र के डायरेक्टर को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। प्रस्ताव में इस घोटाले की संपूर्ण जानकारी देकर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। यदि राज्य शिक्षा केन्द्र के डायरेक्टर अनुशंसा करें तो पूर्व डीपीसी और एपीसी पर निलंबन की गाज भी गिर सकती है।
इनका कहना…
पुलिस और हमारी जांच में 9 और खाते सामने आए हैं। घोटाले की राशि बढ़कर 2 करोड़ 43 लाख तक पहुंच गई है। इसके अलावा पूर्व डीपीसी और एपीसी वित्त पर विभागीय जांच के लिए प्रस्ताव बनाकर राज्य शिक्षा केन्द्र भेज दिया गया है।
अशोक पराडकर, डीपीसी, बैतूल

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