देश की ‘वंडर गर्ल’ मेरीकॉम ने कहा फिटनेस है मेरी जीत का मंत्र

नईदिल्ली,बॉक्सिंग ‘वंडर गर्ल’ एमसी मेरीकॉम ने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का परचम एक बार फिर लहराया है। एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मेरीकॉम का यह पांचवा गोल्ड है। उन्होंने उत्तर कोरिया की किम ह्यांग मि को फाइनल में 5-0 से हराया। उन्होंने 48 किलो लाइट फ्लाइवेट वर्ग के फाइनल में नॉर्थ कोरिया की हियांग मी किम को एकतरफा 5-0 से हराया। फाइट के दौरान मैरी विपक्षी बॉक्सर पर पूरी तरह हावी रहीं और पॉइंट जुटाने का मौका नहीं दिया। इस तरह इस टूर्नमेंट में उन्होंने 5वां गोल्ड मेडल अपने नाम किया। एशियाई चैंपियनशिप में यह ओवरऑल उनका छठा मेडल है। जबकि 2014 के एशियन गेम्स के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल है। इससे पहले इस 34 वर्षीय बॉक्सर के नाम 4 गोल्ड और एक सिल्वर था। उन्होंने इस टूर्नमेंट में 2003, 2005, 2010 और 2012 में गोल्ड मेडल जीता थे, 2008 में उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था। रियो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाने वाली मैरी कॉम ने रिंग में एक बार फिर जोरदार वापसी की है।
बता दें कि लंदन ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडल विनर ने सेमीफाइनल में जापान की सुबासा कोमुरा को एकतरफा 5-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था, जबकि क्वॉर्टरफाइनल में चीनी ताइपे की मेंग चिए पिन को हराया था। राज्यसभा सांसद 35 बरस की मैरी कॉम 5 साल 51 किलो में भाग लेने के बाद 48 किलोवर्ग में लौटी हैं। खिताबी जीत के बाद मैरी ने बताया कि वह किस तरह अपनी फिटनेस की वजह खिताब अपने नाम करने में कामयाब रहीं। उन्होंने कहा- मैं हमेशा से यह जानती थी कि अगर मैं फिट रहूंगी तो गोल्ड मेडल मेरे कब्जे में रहेगा। मैंने खुद को फिट रखा और रिजल्ट सामने है। मैं अब बेहतर महसूस कर रही हूं। मुझे विश्वास था कि मैं फाइनल अपने नाम करने में सफल रहूंगी।
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन महिला बॉक्सर एमसी मैरीकॉम का कहना है कि उनका हर पदक संघर्ष की कहानी है। लेकिन उनका पांचवां एशियाई चैंपियनशिप स्वर्ण पदक सबसे खास है क्योंकि कई अड़चनों के बाद यह उनकी झोली में आया। इस दौरान वह पिछले एक साल से रिंग से बाहर रही थी। मैरीकॉम ने भारतीय बॉक्सिंग में एक और इतिहास लिख दिया। वियतनाम के हो चिन मिन्ह सिटी में हुई एशियाई चैंपियनशिप में अपना पांचवां स्वर्ण पदक जीता और यह कारनामा करने वाली वह पहली महिला बॉक्सर बनी।
’35 वर्षीय राज्यसभा सांसद बॉक्सर शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी आमजीवन में सक्रिय हैं। वह इंफाल में अपने पति ओनलेर कॉम के साथ अपनी एकेडमी चलाती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं एक सांसद के तौर पर सक्रिय रही हूं। मैंने नियमित रूप से संसदीय कार्यवाही में हिस्सा ले रही हूं और इस सबके व्यस्तता के बावजूद मैंने इस चैंपियनशिप के लिए कड़ी मेहनत की। जब से मैं सरकारी ऑब्जर्बर बनी हूं, मैंने स्पोर्ट्स स्तर पर कई बैठक की हैं। मुझे उम्मीद है कि लोग इसे समझ रहे होंगे कि यह कितना कठिन है। मैं कई भूमिका को निभा रही हूं। मैं मां भी हूं। मेरे तीन बेटे भी हैं, उनकी देखभाल भी करती हूं।’

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