कान्हा में गाइड के हाथों में होंगे मोबाइल,GPS से सैलानियों पर रहेगी नजर

मण्डला, कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघ निहारने आये सैलानियों पर अब जीपीएस से नजर रखी जाएगी। बाघ को देखने के लिये कई बार कान्हा टाईगर रिजर्व के मैनुअल का उल्लघंन किया जाता है। इससे न केवल बाघ के स्वच्छंद विचरण में बाधा आती है, बल्कि वन्य प्राणियों की स्वाभाविक प्रवृति भी प्रभावित होती है यही कारण है कि केटीआर प्रबंधन ने जीपीएस युक्त मोबाइल, गाइडों के हाथों में थमाने का निर्णय लिया है।
55मोबाइल आये
इसके लिये त्वरित कार्यवाही करते हुये प्रस्ताव भी भेजा गया है। जिसके परिणामस्वरूप प्रबंधन को तत्काल 55 जीपीएस युक्त मोबाइल उपलब्ध कराया जा चुके हैं। चूंकि प्रबंधन को 85 सिस्टम की आवश्यकता है, ताकि शुरू की जाने वाली मॉनिटरिंग बाधित न हो। इसलिये अभी इसे गाइडों के हवाले नहीं किया गया है। गौरतलब है कि पार्क के भीतर 140 वाहन प्रवेश करते हैं जिसमें सुबह 78 और शाम को 62 वाहन शामिल होते हैं। प्रत्येक वाहन में एक मोबाइल रहे इसलिये 78 मोबाइल खरीदे जाने हैं।
इनका कहना
केटीआर के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार शुक्ल का कहना है कि आवश्यकता से लगभग 10 प्रतिशत मोबाइल अधिक खरीदे जा रहे हैं ताकि खराब होने पर तत्काल मोबाइल बदले जा सके और पर्यटन पर नियंत्रण पूरी तरह बना रहे। दरअसल एक नवंबर से पार्क प्रबंधन ने जिप्सी चालकों और पर्यटक पर निगाह रखने के लिये जीपीएस सिस्टम लागू कर दिया है। इसके लिये गाइडों को मोबाइल दिये जाने है ताकि उनकी पल पल की मॉनीटरिंग हो सकेगी। गाइड और चालकों को बंदर और अन्य जानवरों की आवाज से बाघ की आस पास मौजूदगी का पता चल जाता था। इसके चलते ये वाहन को बीच जंगल में बहुत समय तक रोके रखते थे। इतना ही नहीं यदि बाघ दिख जाए तो उस क्षेत्र में वाहनों को देर तक मौके पर ही रोककर रखा जाता था, जीपीएस मॉनिटरिंग से इन सब पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *