MP में एक लाख शिक्षकों की कमी,48 प्रतिशत शिक्षक लगे हैं गैर शैक्षणिक कार्यों में

भोपाल,प्रदेश भर के स्कूल एक तरफ तो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है तो दूसरी तरफ हजारों की संख्या में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा रखा है। इससे सरकारी स्कूलों में पढाइ का बंटाढार हो रहा है। प्रदेश के सरकारी स्कूल करीब एक लाख शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, इसके बावजूद सरकार ने 48 प्रतिशत शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा रखा है। मप्र में बच्चों के अधिकार पर काम करने वाली संस्था चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट 14 जिलों के सैकड़ों शिक्षकों के बीच सर्वे के बाद तैयार की गई है। गौरतलब है कि चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच की संस्था है। संस्था ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे करीब 26 फीसदी शिक्षक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का समय ही नहीं देते। वहीं अन्य शिक्षक अतिरिक्त कक्षा और संयुक्त कक्षा की मदद से पढ़ाई पूरी कराते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षकों को वोटर आईडी से संबंधित कार्यों में जहां शिक्षकों का मुख्यालय है, वहीं कार्य दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन दमोह, होशंगाबाद, रीवा और झाबुआ जिले के करीब 14 प्रतिशत शिक्षकों को मुख्यालय से बाहर बीएलओ का काम दिया गया था। दमोह जिले के शिक्षक सबसे ज्यादा गैर शैक्षणिक काम में लगे हुए हैं। यहां करीब 88 प्रतिशत गैर शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं। वहीं रीवा में 70 फीसदी, सीी में 67 फीसदी, होशंगाबाद में 65 फीसदी और खंडवा में 61 फीसदी शिक्षक शैक्षणिक कामों से अलग हटकर काम कर रहे हैं। सर्वे में करीब 450 शिक्षकों के बीच अध्ययन किया गया था।

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