एक है यूपी और उत्तराखण्ड की आत्मा-सतपाल महाराज

लखनऊ, उत्तराखण्ड सरकार के पर्यटन, सिंचाई और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि भले ही आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड अलग-अलग राज्य बन चुके हों परन्तु दोनों की आत्मा आज भी एक है, दोनों प्रदेशों के हित जहां कई क्षेत्रों में एक दूसरे पर निर्भर करते हैं वहीं दोनों जगह के लोग भी परस्पर अत्यधिक भावनात्मक लगाव रखते हैं।
उत्तराखंड सरकार में मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि उन्होंने आज 21 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सद्भावपूर्ण भेंटवार्ता की। इस अवसर पर उन्होंने कुछ विषय उनके सामने रखे जिनमें उत्तराखण्ड की ओर से नेपाल भारत सीमा पर स्थित महाकाली नदी के ऊपर बहुउद्देश्यीय पंचेश्वर बाँध, विद्युत् उत्पादन केंद्र 5040 मेगावाट क्षमता का बनेगा। इस परियोजना में उत्तराखंड के कुल 134 ग्राम तथा 31023 परिवार प्रभावित होंगे। इन परिवारों के पुनर्वास हेतु भूमि की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग की काफी जमीन उत्तराखंड में है। जिसके लिए हमने अनुरोध किया है। इसमें यूपी सरकार का पूरा सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा हल्द्वानी के जमरनी बाँध निर्माण हेतु एक एमओयू भी साइन होना है। इस बाँध के बनने से यूपी उत्तराखंड दोनों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होगा। रुड़की में एक बन्द गंग नहर पर भी बात हुयी है, जिसे उत्तराखंड सरकार श्वाटर स्पोर्टश् के लिए डेवेलप करना चाहती है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यूपी और उत्तराखंड दो राज्य जरूर बन गए हैं परन्तु इनकी आत्मा अभी एक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार पर्यटन के क्षेत्र में काम को आगे बढ़ाते हुए राम सर्किट, महाभारत सर्किट और अन्य धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर बड़ा काम करने की इच्छुक है। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा देना चाहती है, इसके लिए हम उद्योग घरानों, एनजीओज अदि को वहां रिहाइशी इमारत और छोटे टूरिज्म हाउस बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। सरकार शक्ति सर्किट, शैव सर्किट और वैष्णव सर्किट बनाकर भी धार्मिक पर्यटन को तेज बढ़ावा देने की योजना बना रही है। श्री महराज ने बताया कि हम ‘खान-पान पर्यटन’ को भी आगे रखकर काम कर रहे हैं, इसके तहत हमारा गढ़वाली भोजन हम पूरी दुनिया को प्रोमोट करेंगे।

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