छिंदवाड़ा, दीपावली सत्र में बाजारों में भीड़ जरुर देर रात तक उमड़ती नजर आई, लेकिन कारोबार जितना चाहिए उतना नही हो पाया। इसकी वजह ये नहीं थी कि लोगों में उत्साह की कमी थी, बल्कि अव्यवस्था के कारण लोग चाहकर भी उतना धन खर्च करने में विवश नजर आए, जितना वो करना चाह रहे थे।
आलम ये देखा गया कि शहर के सभी बैंकों में सर्वर डाऊन होने से लोग न तो पैसे जमा करा सके और ना निकाल पा रहे थे। हम अगर बात करें एटीएम की तो शहर के आधा दर्जन से ज्यादा एटीएम तो बिगड़े पड़े थे, और अनेक एटीएम खाली होने से लोग पैसे निकाल नही पाए। इसके बावजूद धन तेरस पर बाजार और कारोबार दोनों ही गुलजार नजर आए, और उम्मीद से ज्यादा कारोबार प्रमुख प्रतिष्ठानों एवं ऑटोमोटिव्ह शो रूमों में दर्ज किया गया। शहर के प्रमुख चौराहों पर भीड़ इतनी उमड़ी कि, लोग 15-20 मिनट से लेकर आधे घंटे तक जाम में फसे रहे, और भीड़ छटने का इंतजार करते नजर आए। प्रतिष्ठानों में भी खरीददारों का तांता लगा नजर आता रहा। पारसनाथ इलेक्ट्रानिक्स,शुभम इलेक्ट्रानिक्स, पूजा श्री ज्वेलर्स, ज्वेलर्स कामठी वाले, पूजा श्री यामाहा, सुनील ऑटो मोटिव्स, आशीष इलेक्ट्रानिक्स, धनश्री ज्वेलर्स, पूनम एंटर प्राइजेज, वैशाली राजपुरोहित, नैयर फर्नीचर्स, शगुन कम्प्यूटर्स, बहुरानी साड़ी सेंटर आदि सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों में ग्राहकों का जमावड़ा नजर आया। महिन्द्रा ट्रेक्टर्स व कुणाल मोटर्स में भी खासी भीड़ उमड़ती नजर आती रही। दीपावली वर्ष का सबसे बड़ा त्यौहार है जिसमें लोग दिल खोलकर पूरी उमंग के साथ त्यौहार मनाते हैं लेकिन पैसा बैंकों में होने के बावजूद हाथ में नहीं आने से लोगों में निराशा की झलक देखने को मिली।
:: खीझते रहे बैंककर्मी और ग्राहक
सर्वर डाऊन होने व बार-बार लिंक जुडने व चले जाने से बैंककर्मी परेशान होकर खीझते रहे। उससे भी बुराहाल उन ग्राहकों का था जो बैंक में पैसे जमा कराने या निकालने के लिए कतार में लगकर परेशान होते रहे। यह स्थिति बीते दो दिन से बनी हुई है। यदि बुधवार को भी यही स्थिति रही तो दीपावली पर लोगों को निराश होना पड़ सकता है।
:: एटीएम बंद या खाली रहे
शहर भर में दर्जनों एटीएम विभिन्न बैंकों के लगे हैं, लेकिन इनमें से आधे एटीएम बिगड़कर बंद पड़े हैं। शेष एटीएम चौतफा निकासी होने से खाली हो गए है। दीपावली सिर्फ दियों या प्रकाश का त्यौहार नहीं है, इसमें लोगों के अनेक अरमान जुड़े हैं, जो अव्यवस्था की भेंट चढ़कर अधूरे रह गए।