नागपुर,,महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनावों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृहक्षेत्र नागपुर में बीजेपी ने काफी खराब प्रदर्शन किया है। विपक्ष ने दावा किया फडनवीस के गोद लिए गांव फेतरी, मंत्री चंद्रकांत बावनकुले के गोद लिए गांव सूरदेवी और निशा सावरकर के गांव धानला में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।
विदर्भ में ग्राम पंचायत चुनावों में डाले गए वोटों की गिनती जब मंगलवार को की गई, तो तीनों में बड़ी पार्टियों-बीजेपी, कांग्रेस और एनसीपी ने एक-दूसरे को पछाड़ने की बात कही। दरअसल, पंचायत चुनावों में पार्टी के चिह्न के साथ नहीं बल्कि स्थानीय पैनल से लड़ा जाता है। इसलिए पार्टियों के दावों की पुष्टि करने का कोई रास्ता नहीं है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी ने विदर्भ में 50 प्रतिशत सीटें जीती हैं। आमतौर पर यह चुनाव काफी शांति से हो जाते हैं लेकिन इस बार सरपंच के सीधे-सीधे वोटरों द्वारा चुने जाने की वजह से यह काफी चर्चित रहे।
पहले चरण में भी बीजेपी ने दावा किया था कि उसने ज्यादातर ग्राम पंचायतों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि तब दूसरी पार्टियों ने इस दावे का खंडन किया था। वहीं राज्य के चुनाव आयुक्त जे एस सहरिया ने कहा था कि क्योंकि चुनाव बिना चिह्नों के लड़े जाते हैं, इसलिए किसी पार्टी के दावों की पुष्टि नहीं की जा सकती। बीजेपी के नागपुर अध्यक्ष राजीव पोटदार ने दावा किया 237 में से 126 भाजपा सरपंच चुनाव जीते हैं।
कांग्रेस के राजेंद्र मुलक ने कांग्रेस के खाते में 93 और एनसीपी के खाते में 37 सीटें आने की बात कही। उनके मुताबिक बीजेपी को 91, सेना को 6 और अन्य को 7 सीटें मिली हैं। एनसीपी ने कटोल-नर्क की 49 सीटों पर 41 पर कब्जे की बात कही है। भंडारा में बीजेपी 347 में से 211 सीटें जीतने का दावा कर रही है। गोंडिया में उसने 362 में से 177 सीटों पर जीत का दावा किया है।