न्यायमूर्ति एन.के. गुप्ता लोकायुक्त नियुक्त,उप लोकायुक्त माहेश्वरी से जूनियर होने से विवाद

भोपाल,न्यायमूर्ति एन.के. गुप्ता को मध्यप्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। राज्यपाल ओ.पी. कोहली बुधवार 18 अक्टूबर को न्यायमूर्ति गुप्ता को अपरान्ह 4 बजे राजभवन में लोकायुक्त के पद की शपथ दिलाएंगे।
न्यायमूर्ति एन.के. गुप्ता ने एम.एस.सी. (मैथ्स) एवं एल.एल.बी. (ऑनर्स) की उपाधि इंदौर विश्वविद्यालय से प्राप्त की। एल.एल.बी. (ऑनर्स) परीक्षा में आपने विश्वविद्यालय में द्वितीय स्थान अर्जित किया था। न्यायमूर्ति गुप्ता अगस्त 1979 में व्यवहार न्यायाधीन नियुक्त हुए और 3 मई 2010 को म.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। इसके पूर्व, न्यायमूर्ति गुप्ता ने उच्च न्यायालय में एडिशनल रजिस्ट्रार (सतर्कता), न्यायिक अधिकारी ट्रेनिंग संस्थान के एडिशनल डायरेक्टर विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण), विशेष न्यायाधीश (अजा/अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम), अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम एवं प्रमुख विधि परामर्शी के पद पर रहकर गुणवत्तापूर्ण कार्य किया एवं ज्ञान अर्जन किया। आपके पास अतिरिक्त सचिव के रूप में संचालक लोक अभियोजन का अतिरिक्त प्रभार भी रहा।
न्यायमूर्ति एन.के. गुप्ता ने म. प्र. उच्च न्यायालय में दिसम्बर 2015 तक मुख्यपीठ जबलपुर एवं जनवरी 2016 से 30 जून 2017 तक ग्वालियर खण्डपीठ में अपने 7 वर्ष 2 माह के कार्यकाल में करीब 48 हजार 550 मामले अंतिम रूप से निपटाये। इन मामलों में संवैधानिक, सिविल एवं दाण्डिक मामले शामिल हैं। न्यायमूर्ति गुप्ता ने अपने कार्यकाल के अंतिम 18 महीनों में 200 से ज्यादा दाण्डिक अपील का निराकरण किया और भ्रष्टाचार निवारण के कई मामले निपटाये। आपने वेकेशन की विशेष सुनवाई के 5 दिनों में 33 दाण्डिक अपील अंतिम रूप से निपटाई। न्यायमूर्ति एन.के. गुप्ता द्वारा मामलों के निराकरण का वार्षिक औसत 6770 प्रकरण का है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण के राष्ट्रीय औसत (करीब 2500 मामले प्रति वर्ष) से दो गुने से ज्यादा का है।

लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर उठाये सवाल
सूचना के अधिकार आंदोलन से जुड़े और सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने रिटायर्ड जस्टिस नरेश गुप्ता को लोकायुक्त बनाये जाने पर विरोध दर्ज कराते हुए पत्रकारों को बताया कि जस्टिस नरेश गुप्ता वर्तमान उप लोकायुक्त उत्तम चंद माहेश्वरी (जस्टिस ) से 6वर्ष जूनियर हैं। और उनकी नियुक्ति सही नही है, साथ ही अजय दुबे ने राज्यपाल को भी शिकायत कर शपथ ग्रहण समारोह को रोकने की अपील की है। वहीं इस मामले के सार्वजनिक होने पर मप्र के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह राहुल ने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके द्वारा एक पत्र चीफ जस्टिस हाई कोर्ट एवं सीएम को भी लिखा है।

 

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