पटना, बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव समेत राजद के सभी पूर्व मंत्री फिलहाल अपने सरकारी बंगले में रह सकते हैं। यह आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया है। हालांकि इन पूर्व मंत्रियों की याचिका पर राज्य सरकार के बंगले को ख़ाली कराने के आदेश पर अगले महीने की 6 तारीख तक रोक लगाई गई है। उसके बाद इस मामले की एक बार फिर सुनवाई होगी। दरअसल राज्य सरकार के बार-बार बंगले को खाली करने के आदेश के बाद राजद के पूर्व मंत्री ने पटना हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। इन्होंने अपनी याचिका में पूर्व में भाजपा के उन मंत्रियों से राज्य सरकार द्वारा उनके मंत्रिकाल के समय का बंगला ख़ाली नहीं करने को आधार बनाकर याचिका दायर की। हालांकि राज्य सरकार का तर्क है कि अब सभी बंगले खासकर जहां ये मंत्री के रूप में रहते थे उन विभागों के मंत्रियों के नाम से स्थायी रूप से आवंटित किए गए हैं।
राजद के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्धीकी का आरोप है कि नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले को अपने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है और उन लोगों को परेशान किया जा रहा है। इस मुद्दे पर कुछ दिनों पूर्व लालू यादव ने कहा था कि ये कोई मसला नहीं है। इस पूरे प्रकरण में सब जानते हैं कि असल मसला तेजस्वी यादव के बंगले का है।