भोपाल,वन विभाग ने राजधानी के आसपास के जंगलों में पिकनिक मनाने पर पाबंदी लगा दी है। शाम 6 बजे के बाद जंगल में कोई भी वाहन प्रवेश नहीं कर सकेंगे। जंगल के भीतर पिकनिक मनाने पर प्रतिबंध रहेगा। राजधानी से सटे जंगल में शिकारियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने ये इंतजाम किए हैं। त्यौहार के मददेनजर वन विभाग ने बाघों की सुरक्षा को और चाकचौबंद कर दी है। वन विभाग ने कर्मचारियों की गश्त बढ़ा दी है। कलियासोत, बुलमदर फार्म और केरवा डैम के पास स्थाई बेरियरों पर नाकेदार और वनकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है, जो जंगल वाले मार्गों से होकर आने-जाने वाले वाहनों की जांच करेंगे। सूत्रों की माने तो त्यौहार के दौरान जंगल में शिकारी सक्रिय हो जाते हैं और वन्यप्राणियों के शिकार की फिराक में रहते हैं। पूर्व में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। वन विभाग ने इन घटनाओं से बचने के लिए जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ मित्रों को सचेत रहने की सलाह दी है। टाइगर पेट्रोलिंग और क्रेक टीम को चौबीसों घंटे जंगल में गश्ती करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हर घंटे बाघों की रिपोर्ट देने को कहा है।
केरवा चौकी स्थित ई-सर्विलेंस सिस्टम के जरिए भी जंगल की मॉनीटरिंग की जा रही है। केरवा डैम, मेंडोरा, संस्कार वैली स्कूल क्षेत्र के आसपास, 13 शटर गेट से जागरण लेकसिटी रोड, कलियासोत क्षेत्र और नंदिनी गौशाला वाले क्षेत्र में जंगल के भीतर हर बार की तरह इस बार भी पार्टी मनाने पर रोक रहेगी। बता दें कि इन क्षेत्रों में त्यौहार के दौरान युवाओं की अच्छी खासी भीड़ जमा हो जाती है, जो देर रात तक जंगल में ही जमे रहते हैं। इस कारण वन विभाग की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। कई बार वन विभाग के मैदानी अमले और लोगों के बीच विवाद हो जाते हैं।जंगल में संदिग्ध लोगों के दिखने या संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिलने पर मोबाइल नंबर 9424790551, 9424790553, 9424790561 पर सूचना दी जा सकती है। इस बारे में भोपाल सामान्य वन मंडल केंजरवेटर डॉ. एसपी तिवारी का कहना है कि इन क्षेत्रों में हमेशा बाघों का मूवमेंट रहता है। ऐसे में भीड़ पर बाघ के हमले से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसी नौबत न आए, इसके चलते लोगों को इन क्षेत्रों में पार्टी मनाने से बचना चाहिए।