अपने इतिहास और अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिएः मोदी

नई दिल्‍ली,धन्वंतरि जंयती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को पहला ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद समर्पित किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि वह धन्वंतरि जंयती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने और इस संस्थान की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय को साधुवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी देश विकास की कितनी ही चेष्टा करे, लेकिन वो तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक अपने इतिहास, अपनी विरासत पर गर्व करना नहीं सीखता। अपनी विरासत को छोड़कर आगे बढ़ने वाले देशों की पहचान खत्म होनी तय होती है। गुलामी के कालखंड में हमारी ऋषि परंपरा, हमारे आचार्य, किसान, वैज्ञानिक ज्ञान, योग, आयुर्वेद, इन सभी की शक्ति का उपहास उड़ाया गया, उसे कमजोर करने की कोशिश हुई। उन्‍होंने कहा, आज मुझे गर्व है कि पिछले तीन वर्षों में इस स्थिति को काफी हद तक बदल दिया गया है। जो हमारी विरासत है, जो श्रेष्ठ है, उसकी प्रतिष्ठा जन-जन के मन में स्थापित हो रही है। आज जब हम सभी आयुर्वेद दिवस पर एकत्रित हुए हैं या जब 21 जून को लाखों की संख्या में बाहर निकलकर योग दिवस मनाते हैं, तो अपनी विरासत के गर्व से भरे होते हैं। जब अलग-अलग देशों में उस दिन लाखों लोग योग करते हैं, तो लगता है कि लाखों लोगों को जोड़ने वाला योग भारत ने दिया है। आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं है। इसके दायरे में सामाजिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण स्वास्थ्य जैसे अनेक विषय भी आते हैं। इसी आवश्यकता को समझते हुए सरकार आयुर्वेद, योग और अन्य आयुष पद्धतियों को बढ़ावा दे रही है। इस दिशा में आयुष मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है और तीन वर्षों में ही 65 से ज्यादा आयुष अस्पताल विकसित किए जा चुके हैं। हर्बल दवाइयों का आज विश्व में एक बड़ा मार्केट तैयार हो रहा है। भारत को इसमें भी अपनी पूर्ण क्षमताओं का इस्तेमाल करना होगा। उन्‍होंने कहा कि हम लोग ‘धनतेरस’ को ‘धन’ से ही जोडकर मनाते आये हैं। यह वास्तव में स्वास्थ्य के देवता धन्वन्तरि का जन्मदिन है। अच्छे स्वास्थ्य से बड़ा धन कुछ नहीं होता।

इधर,ताजमहल विवाद
मोदी की नसीहत- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा कि गुलामी के वक्त भारत की परंपरा का मजाक उड़ाया गया था और उनकी सरकार ने तीन साल में यह स्थिति बदली है जिसकी उनको खुशी है। कोई भी देश विकास करने की कितनी भी चेष्टा करे लेकिन वह तबतक आगे नहीं बढ़ सकता जबतक अपने इतिहास और विरासत पर गर्व करना ना जान ले। अपनी विरासत को छोड़कर आगे बढऩे वाले देशों की पहचान खत्म होनी तय होती है।
ताज मोहब्बत की निशानी, इबादत की नहीं, अय्याश थे मुगल
ताजमहल पर राजनीतिक विवाद में एक और कड़ी जुड़ गई है। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि ताजमहल प्यार का प्रतीक हो सकता है, लेकिन पूजा का नहीं। रिजवनी ने भाजपा विधायक संगीत सोम की तरह मुगल शासकों पर भी निशाना साधा। रिजवी ने कहा कि एक दो को छोड़कर ज्यादातर मुगल शासक अय्याश थे मगर उन्हें मुस्लिम अपना आदर्श नहीं मानते हैं। इस दौरान रिजवी ने अयोध्या में राम मंदिर और वहां लगने वाली भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति पर भी अपनी बात रखी।
हिन्दू विरासत का केंद्र है अयोध्या
रिजवी ने कहा कि दुख की बात है कि राम प्रतिमा के निर्माण का विरोध किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार के निर्णय को अच्छा कदम बताते हुए कहा यह अच्छी बात है क्योंकि अयोध्या हिंदू विरासत का केंद्र है।
वहीं उन्होंने बसपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब मायावती ने अपनी मूर्तियां बनाईं तो किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया, समझ में नहीं आ रहा है कि राम की मूर्ति बनाने पर क्यों समस्या है?
योगी ने की ताजमहल की तारीफ
हमारे लोगों के खून पसीने से बना है ताजमहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि ताजमहल को किसने और क्यों बनवाया। यह भारत के मजदूरों के खून और पसीने से बना है। इसलिए यह हमारे लिए बहुत खास है। पर्यटन की दृष्टि से यह हमारी प्राथमिकता में है और पर्यटकों को सुविधाएं एवं सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है।
26 अक्टूबर को ताजमहल जाएंगे योगी
योगी का कहना है कि वे 26 अक्टूबर को ताजमहल जाएंगे। योगी का कहना है कि आगरा और ताजमहल के संरक्षण, समर्थन को बढ़ावा देने के लिए आगरा जाऊंगा।
राष्ट्रपति भवन भी गिरा दो: आजम
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान का कहना है कि राष्ट्रपति भवन को भी गिरा देना चाहिए क्योंकि अंग्रेज़ों का बनाया ये राष्ट्रपति भवन गुलामी का प्रतीक है।

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