डबल मर्डर मिस्ट्री बरकरार,बेटी के लिए न्याय मांगने वाले खुद जेल चले गए थे तलवार दंपति?

नई दिल्ली,दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पहले उत्तर प्रदेश और फिर सीबीआई की २ टीमों की जांच। विशेष कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक का सफर, मगर नतीजा वही ‘सिफर’। ९ साल की लंबी कवायद के बाद भी सीबीआई की दोनों टीमों की जांच भी एक नतीजे पर नहीं पहुंच सकीं। सीबीआई कोर्ट में वैज्ञानिक तथ्यों के बजाय परिस्थितिजन्य तथ्यों के आधार पर सख्त सजा की मांग करती दिखी। इस पर कोर्ट ने संदेह का लाभ देकर तलवार दंपति को बरी कर दिया। इससे देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी जिसकी तुलना यूएसए की एफबीआई से की जाती है के सामने ‘आरुषि का हत्यारा कौन ’का सवाल मुंह बांए खड़ा है। अपनी बेटी और नौकर की हत्या के आरोप में दोषी ठहराए गए तलवार दंपति को अब हाईकोर्ट ने भले ही बरी कर दिया, मगर नोएडा के जलवायु विहार में हुआ यह डबल मर्डर केस अब फिर से मिस्ट्री बन गया है।
– क्या है मामला
जब तलवार दंपति ने आरुषि-हेमराज की हत्या नहीं की तो आखिर उनका कत्ल किसने किया। जलवायु विहार के एल-३२ मकान में वर्ष २००८ में हुई देश की इस सबसे बड़ी मिस्ट्री का राज अब शायद ही कभी खुले। पड़ताल में कमी यूपी पुलिस की रही हो या फिर सीबीआई की, मगर यह बात अब तय हो गई है कि दोनों ही जांच एजेंसियां इस केस की कड़ी जोड़ने में असफल रहीं। तलवार दंपति के खिलाफ सीबीआई एक भी ऐसा सबूत नहीं जुटा पाई, जिससे उन्हें आरोपी ठहराया जा सके। इस दोहरे हत्याकांड में आखिर किस हथियार का इस्तेमाल किया, इस पर भी जांच एजेंसियां एकमत नहीं हो सकीं। उत्तर प्रदेश पुलिस इस हत्याकांड में धारदार तेज हथियार और हथौड़ा होने की बात कर रही थी। एम्स के ७ डाक्टरों की टीम ने भी खुखरी जैसे हथियार से हत्या किए जाने की बात कही थी, मगर सीबीआई ने सर्जिकल ब्लेड और गोल्फ स्टिक से ही हत्या होना बताया। तलवार दंपति को इस केस में बेटी की हत्या का न्याय मांगना ही भारी पड़ गया था। पूर्व में सीबीआई ने जहां इस मामले में क्लोजर दाखिल की थी, वहीं दोबारा केस ओपन होने पर राजेश तलवार के साथ-साथ उनकी पत्नी नूपुर तलवार को भी आरोपी बना दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *