शाह के बेटे के बचाव में केंद्रीय मंत्री सामने क्यों आ रहे हैं, वे कंपनी के भागीदार हैं या सीए ?

भोपाल,प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की वर्ष 2012-13 वे 2013-14 में नुकसान झेल रही 50 हजार रूपयों से प्रारंभ ‘‘टेंपल इंटरप्राईज प्रा. लिमि.’’ द्वारा मोदी सरकार के काबिज होने के बाद एक वर्ष के भीतर यकायक 16000 गुना (यानि 16 लाख प्रतिशत) कारोबार बढ़ाने के प्रामाणिक आरोप से तिलमिलाई भाजपा से पूछना चाहा है कि आखिरकार क्या कारण है कि शाह परिवार के बचाव में देश के गृह मंत्री राजनाथसिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित कई केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा शासित राज्य सरकारों को बचाव में सामने आना पड़ रहा है, ये केंद्रीय मंत्री, जय शाह के स्वामित्व वाली कंपनी के भागीदार हैं या चार्टेड अकाउंटेंट?
मिश्रा ने कहा कि इस कंपनी में अमित शाह की पत्नी, पुत्रवधु व पुत्र जय शाह काबिज हैं, कंपनी की क्या संपत्तियां थी, कितने कर्मचारी थे, क्या देनदारियां थी और इन सब का पैसा कहां से आ रहा था, देश जानना चाहता है? इस बड़े भ्रष्टाचार, घपले / घोटाले से क्षुब्ध होकर इसे उजागर करने वाली ‘‘द वायर’’ बेवसाईट के खिलाफ आपराधिक और 100 करोड़ रूपयों की मानहानि का दावा लगाने पर जय शाह को आड़े हाथों लेते हुए मिश्रा ने यह भी पूछा है कि इस तथ्य को भी देश के सामने लाया जाना चाहिए कि अमित शाह की राजनैतिक पृष्ठभूमि के बिना क्या जय शाह की सौ करोड़ रूपयों की हैसियत बनना संभव है?
मिश्रा ने घोर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जय शाह किसी संवैधानिक पद पर नहीं है, किन्तु भारत गणराज्य के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 6 अक्टूबर, 17 को देश के कानून मंत्रालय से इस प्रकरण में पैरवी करने की अनुमति कैसे ले ली, जबकि उक्त बेवसाईट ने जय शाह के कारोबार पर रिपोर्ट 2 दिन बाद 8 अक्टूबर को प्रकाशित की थी, यानि चोर की दाढ़ी में तिनका लगने का आभास केंद्र सरकार व शाह परिवार को पहले ही हो चुका था?
मिश्रा ने कल बीते मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपक बावरिया की संपन्न पत्रकार वार्ता में लगाये गये उक्त आरोपों से विचलित भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान द्वारा बावरिया के खिलाफ मानहानि का दावा लगाने की बात को गीदड़ भभकी बताते हुए कहा कि जो पार्टी अंग्रेजों के आगे नहीं झुकी वह भ्रष्टाचारियों को ‘‘जैसे के साथ तैसा’’ की तर्ज पर जबाव देगी। क्योंकि निरंतर अपना नैतिक आधार खोती जा रही भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर से अपने विरोधियों की आवाज बंद करने के लिए उनके खिलाफ सीबीआई, ईडी, पुलिस, आपराधिक और मानहानि जैसे शस्त्रों का उपयोग जारी किया हुआ है जो उनके भय और नैतिक आधार खो जाने का स्पष्ट प्रमाण है।

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