बिना आधार किसानों को नहीं मिलेगी ऋण माफी

मुंबई, महाराष्ट्र में जिन किसानों ने ऋण माफी योजना के तहत आवेदन करते समय आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी नहीं दी थी, हो सकता है कि उन्हें इसका लाभ नहीं मिले। राज्य के सूचना एवं तकनीक विभाग के डेटा के मुताबिक 56.59 लाख किसानों ने इस योजना के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 2.4 लाख किसानों ने अपने आधार की जानकारी नहीं दी थी। विभाग के एक अधिकारी ने बताया सारा डेटा 22 सितंबर को योजना के लिए अप्लाई करने के बाद इकट्ठा किया गया था जिसके बाद यह आंकड़े सामने आए हैं। मुंबई के 25,335 किसानों में से 338 ने यह जानकारी नहीं दी थी। आईटी विभाग के प्रिंसिपल सेक्रटरी वीके गौतम ने बताया कि जिन लोगों ने आधार की जानकारी नहीं दी है, उन्हें और समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमें आवेदन मिल चुके हैं और अब उनकी जांच होगी। जो आवेदन बिल के मापदंडों का पालन करते नहीं पाए जाएंगे उन्हें छोड़ दिया जाएगा। हालांकि, जिन लोगों ने आधार की जानकारी नहीं दी है, उन्हें और समय दिया जाएगा। जो लोग आधार नंबर की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनके आवेदन भी ऋण माफी के लिए देखे जाएंगे।’
हालांकि, किसान नेता इस योजना के लिए आधार को मापदंड बनाए जाने से खुश नहीं हैं। शेतकरी संगठन के रघुनाथ दादा पाटिल ने कहा, ‘अगर किसी गरीब किसान के पास आधार नहीं है, तो यह उसकी गलती नहीं है। सरकार को ऐसे किसानों तक पहुंचकर उन्हें कार्ड मुहैया कराना चाहिए।’ औरंगाबाद के किसान नेता धनंजय पाटिल ने भी आधार की अनिवार्यता पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी किसान के पास आधार नहीं है तो कोई तकनीकी समस्या रही होगी। इसका मतलब यह नहीं कि वह सरकार को धोखा देना चाहता था।’

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