2000 करोड़ जमा कराने के बाद ही देश से बाहर जाएंगे जेपी इन्फ्रा के डायरेक्टर

नई दिल्ली,देश के दो बड़े उद्यौगिक घराने बुरी तरह उलझ गए हैं। जेपी समूह पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई तो वहीं सहारा समूह पर आयकर विभाग शिकंजा करने जा रहा है…
रियल स्टेट कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जेपी समूह 27 अक्टूबर तक दो हजार करोड़ रुपए जमा कराए। खरीदारोंं की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के डायरेक्टर्स के देश छोडऩे पर भी रोक लगा दी। इसके अलावा जेपी के खिलाफ दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया जारी रखने को भी कहा गया है। कोर्ट ने इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) से भी कहा है कि खरीदारों और लेनदारों के हितों की रक्षा की जाए। इससे पहले 4 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
दिवालियापन कोड के मुताबिक, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा किसी एक प्रोफेशनल को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) अप्वॉइंट किया जाता है। ये कंपनी का पूरा मैनेजमेंट संभाल लेता है और तय वक्त में प्लान तैयार कर एनसीएलटी को सौंपता है। इस प्लान के मुताबिक, कंपनी के क्रेडिटर्स को उनका पैसा लौटाया जाता है। समूह पर खरीदारों का करीब 25 हजार करोड़ रुपए फंसा है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 500 करोड़ रुपए की रकम के लिए दिवालिया की प्रक्रिया शुरू की है। जेपी के समूह में करीब 32 हजार लोगों ने फ्लैट बुक कराए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को एक राहत भी दी। जेपी एसोसिएट से कहा गया कि वो जमीन और बाकी प्रॉपर्टी बेचकर दो हजार करोड़ रुपए इकठा कर लें, लेकिन इससे पहले कंपनी को आईआरपी का अप्रूवल लेना होगा।
एंबे वैली पर आयकर ने ठोका 24 हजार करोड़ का दावा
सहारा ग्रुप की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आयकर विभाग ने अब एंबे वैली पर 24,843 करोड़ रुपए की टैक्स देनदारी का दावा किया है। यह दावा ऐसे समय में किया गया है, जब बॉम्बे हाईकोर्ट के आधिकारिक परिसमापक एंबे वैली की नीलामी करने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच आयकर विभाग का यह दावा सहारा समूह के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर सकता है। आयकर ने 26 जुलाई को आधिकारिक परिसमापक को जानकारी दी है कि एंबे वैली की प्रस्तावित बिक्री में उसका भी हिस्सा है। विभाग ने कहा कि एंबे वैली पर उसकी 24,843 करोड़ रुपए की टैक्स देनदारी है। इसमें ब्याज शामिल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप की तरफ से 5,092 करोड़ न भर पाने की स्थिति में इस पुणे स्थित इस प्रॉपर्टी को नीलाम करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा चीफ सुब्रत राय को 7 सितंबर तक 1500 करोड़ रुपए जमा करने के लिए कहा था। तब कोर्ट ने कहा था कि अगर सहारा ग्रुप समय पर यह रकम जमा कर देता है, तो नीलामी की प्रक्रिया रोकी जा सकती है।

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