राजनीति कोई नौकरी नहीं है कि इसमें सेवानिवृत्ति की आयु तय की जाए : सुमित्रा महाजन

इंदौर,लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कहा कि राजनीति कोई नौकरी नहीं है कि इसमें सेवानिवृत्ति की आयु तय की जाए।
लोकसभा अध्यक्ष ने एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, सबसे पहले तो राजनीति को देखने का नजरिया ठीक किया जाना चाहिए। राजनीति स्वार्थपूर्ति का साधन नहीं, बल्कि देश और समाज की सेवा का जरिया है। राजनीति किसी को दी गई कोई नौकरी नहीं है, जिसमें कारिंदे को वेतन-भत्ते मिलते हों और उसकी सेवानिवृत्ति के लिए पहले से उम्र तय हों। उन्होंने कहा कि अगर किसी नेता के हाथ-पैर और दिमाग ठीक चल रहा है, तो चुनावी सियासत में उसकी उम्र के बंधन का कोई सवाल नहीं होना चाहिए।
ताई ने कहा राजनीति का मतलब जनता की सेवा है और इस सेवा में उम्र का हिसाब नहीं लगाया जाना चाहिए। केवल उम्र के आधार पर यह घोषित नहीं किया जा सकता कि किसी व्यक्ति को सियासत में कब तक सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इसे बड़े विषय में अपने बूते कोई फैसला नहीं सुना रही हैं। लेकिन उनका मानना है कि चुनावी सियासत से संन्यास के बारे में संबंधित नेता को पहले खुद चिंतन करना चाहिए कि वह मतदाताओं की सेवा के लिए शारीरिक रूप से सक्षम है या नहीं।
सुमित्रा महाजन ने कहा कि मेरा मानना है कि मैं आज भी पूरी ताकत से काम कर रही हूं। मैं एक आम सांसद से ज्यादा काम कर रही हूं। लेकिन फिलहाल मैं नहीं बता सकती कि दो साल बाद मेरी शारीरिक स्थिति कैसी रहेगी। उन्होंने कहा, मैं दो साल बाद चुनाव के समय इस बारे में निर्णय करूंगी कि मैं मतदाताओं की अपेक्षाओं के मुताबिक सक्रिय रह सकूंगी या नहीं।
उल्लेखनीय है कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1989 से लगातार अजेय सुमित्रा महाजन ने वर्ष 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनावों में इंदौर क्षेत्र से लगातार आठवीं जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही, वह एक ही सीट और एक ही पार्टी के टिकट पर लगातार आठ बार लोकसभा पहुंचने वाली देश की पहली महिला सांसद बन गई थीं।

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