नौ साल बाद जेल से बाहर आएंगे कर्नल पुरोहित,SC ने दी जमानत

नई दिल्ली,साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में जेल में बंद कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को जमानत मिल गई है। वह नौ साल से जेल में बंद थे। इसी आधार पर उन्हें जमानत दी गई है। पुरोहित को बड़ी राहत कही जा रही है। गौरतलब है मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को पहले ही इसी साल अप्रैल में जमानत मिल गई थी। इस मामले की एनआईए जांच कर रही है और उसकी ओर से अदालत में चालान भी दाखिल किया जा चूका है।

18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान कर्नल पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि न्याय के हित में पुरोहित को जमानत मिलनी चाहिए। कर्नल पुरोहित का बम धमाके से कोई लिंक नहीं मिला है और अगर धमाके के आरोप हट जाते हैं तो अधिकतम सजा सात साल हो सकती है जबकि वह 9 साल से जेल में हैं। हरीश साल्वे ने कहा कि भारत में आतंकी घटनाओं का राजनीतिकरण हो जाता है, मालेगांव को राजनीतिक रंग देना गलत है। उन्होंने कहा कि जब मैंने अपर्णा पुरोहित को मजबूर और बेबस देखा तब मुझे यह मामला अपने हाथों में लेना पड़ा। मैंने ऐसे कई मामले देखे हैं जहां राजनीति से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को प्रभावित किया है। इस तरह की गतिविधि और दबाव को रोकना होगा। मामले की जांच पर लोगों व राजनेताओं को बयानबाजी बंद करनी होगी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, यह अंतरिम जमानत है, इससे न तो वे दोषी साबित हुए और न ही निर्दोष। यह सच है कि सरकार को एनआइए का प्रमुख नहीं मिल रहा है और मौजूदा प्रमुख का कार्यकाल दो बार बढ़ाया जा रहा है। यह भी सच है कि मुख्य दोषी साध्वी को सरकार द्वारा क्लीन चिट पहले ही दे दी है। इसलिए यह जांच की निष्पक्षता पर प्रश्न उठाता है। हम उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका निष्पक्षता से काम करती है और मामले में न्याय होगा। इस बीच कर्नल पुरोहित को जमानत मिलने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। दिग्विजय ने ट्वीट किया कि कर्नल पुरोहित को जमानत, इसी की उम्मीद थी, क्योंकि भाजपा सरकार बम धमाकों में आरएसएस से जुड़े सभी आरोपियों को बचा रही है। केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने कहा मामले के हर पक्ष की जांच करने के बाद घटना के 9 साल बाद कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को जमानत दे दी। यदि वे निर्दोष साबित होते हैं तो यह दुर्भाग्य होगा कि उन्हें जेल में 9 साल की सजा काटनी पड़ी। दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर उन्होंने कहा कोर्ट के मामलों में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होता है। कांग्रेस ऐसा करती रही होगी। इस तरह से कांग्रेस का बेबुनियाद बयान लोकतंत्र के लिए काफी खतरनाक है। उन्हें अदालत से माफी मांगनी चाहिए। गौरतलब है कि मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर,2008 को हुआ जिसमें 6 लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गए थे। शुक्रवार की नमाज के बाद एक मस्जिद में एक मोटरसाइकिल पर बम विस्फोट हुआ था। साध्वी प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे। साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया था।

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