भोपाल, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने प्रवास के तीसरे दिन रविवार सुबह प्रदेश कार्यालय में पूर्ण कालिकों से चर्चा की। शाह ने पूर्णकालिकों को खुलकर अपनी बात रखने कहा। उन्होंने बताया गया कि जमीनी स्तर पर अभी सत्ता और संगठन को बहुत काम करने की जरूरत हैं। हकीकत यह है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत धीमा है। संगठन की जवाबदारी भी तय होना चाहिए। बैठक में आधा सैकड़ा से अधिक पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। जिन्होंने दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष के तहत पार्टी को 6 महीने और 1 साल तक का समय दिया है। ये कार्यकर्ता हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर सत्ता और संगठन की नब्ज टटोल रहे हैं। बैठक की शुरुआत में शाह ने कहा कि आप लोगों के पास सत्ता और संगठन का अच्छा फीडबैक है, क्योंकि आप अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे हैं। इसलिए सरकारी योजनाएं अंतिम पंक्ति तक पहुंच रही हैं या नहीं खुलकर बताएं। जिसके बाद पूर्णकालिकों ने बोलना शुरू किया। ग्वालियर-चंबल संभाग में काम कर रहे पूर्णकालिक ने बताया कि योजनाओं का जिस तरह से प्रचार किया जाता है, वैसे उनका क्रियान्वयन नहीं हो पाता है। जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार भी खूब है। भोपाल संभाग में संगठन विस्तार का काम कर रहे एक पूर्णकालिक ने शाह को बताया कि सत्ता संगठन के लोगों का जनता से संवाद नहीं हो पा रहा है। शाह ने पूर्णकालिकों से कहा कि वे आगे भी अपने सुझाव भेजें। क्योंकि आपके सुझाव के अलग मायने हैं। साथ ही कहा कि बूथ स्तर पर संगठन विस्तार में पूर्णकालिक भी जिम्मेदारी संभालें।
तीन दिवसीय प्रवास को खत्म करके रविवार रात 9 बजे भोपाल से दिल्ली चले गए। शुक्रवार से रविवार तक उनका तीन दिनी प्रवास भोपाल में था। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित दिन दिवसीय बैठक में उन्होंने सत्ता और संगठन में कसावट लाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश भाजपा के अलग-अलग पदाधिरियों के साथ उन्होंने 18 बैठकें की। बैठक में उन्होंने संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्षप नंदकुमार सिंह चौहान के नेतृत्व पर भी मुहर लगाई। उन्होंने कहा कि 2019 तक नंदकुमार सिंह चौहान और शिवराज सिंह चौहान की समय मर्यादा है। अमित शाह का सबसे ज्यादा फोकस मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन को मजबूत करना है। इसलिए उन्होंने प्रदेश भाजपा के हर वर्ग के लोगों के साथ बैठक की। बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों ने जो भी सुझाव दिए उनको अमल में लाने के लिए अमित शाह ने पदाधिकारियों को आश्वस्त किया।
अहम निर्णय भी लिए
प्रदेश में सत्ता और संगठन के अहम निर्णय पार्टी के चंद लोगों की सहमति से हो जाते हैं,इस शिकायत के बाद अमित शाह सख्त निर्देश जारी किए हैं जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है यहां जो भी निर्णय लिए जाते हैं वो सामूहिक होते हैं। कोर ग्रुप की बैठक में ही सत्ता और संगठन के निर्णय लिए जाएं इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ता है। अभी तक सत्ता और संगठन के सभी अहम निर्णय मुख्यमंत्री ,प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री की सहमति से लिए जाते थे। अमित शाह ने इस व्यवस्था को बदलने के निर्देश जारी किए हैं।
जमीन तक जाएं कार्यकर्ता
अमित शाह ने मिशन 2018-19 की तैयारी को लेकर पार्टी के सभी विधायक,मंत्री,सांसद और प्रदेश पदाधिकारियों को प्रवास करने के निर्देश दिए हैं। अमित शाह के दौरे को लेकर भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष वेदप्रकाश शमा ने प्रदेश में अध्यक्ष के दौरे नहीं होने का मामला उठाया था,इस मुद्दे पर अमित शाह गंभीरता दिखाते हुए सभी के लिए प्रवास के निर्देश जारी किए हैं।
सरकारी योजनाओं का प्रचार करें नेता
अमित शाह ने अपने दिन दिन के प्रवास के दौरान सभी बैठकों में कहा कि संगठन की मजबूती के साथ हमें शासकीय योजनाओं के प्रचार प्रसार पर ध्यान देना होगा। हितग्राहियों जिन हितग्राहियों तक शासकीय योजना का लाभ मिल रहा है,उसका प्रचार भी हमें ही करना होगा,क्यों कि मार्केटिंग के बिना कोई कंपनी अपने उत्पाद नहीं बेच सकती। इसलिए योजनाओं की मार्केटिंग करना भी जरूरी है।
अजीवन सहयोग निधि पर सख्ती दिखाई
अमित शाह ने अजीवन सहयोग निधि के रूप में मिलने वाले पार्टी फंड पर आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में लंबी बैठक चली। जिन जिलों से अभी तक हिसाब नहीं आया है,उस पर भी अमित शाह ने नाराजगी जाहिर की है। बताया जाता है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिला अध्यक्ष ने हिसाब नहीं दिया था,जिस पर अध्यक्ष ने सख्ती दिखाई है।