मुंबई, जन्माष्टमी के मुंबई एवं आसपास के इलाकों में दही हांडी समारोहों के दौरान मानव पिरामिड बनाते समय हुई दुर्घटनाओं दो गोविंदाओं की मौत हो गई एवं 117 अन्य लोग घायल हो गए। पालघर और ऐरोली में एक-एक गोविंदा की मौत हुई है। दही हांडी तोड़ने के लिए समूचे महाराष्ट्र में गोविंदाओं की टोलियों के बीच जबरदस्त प्रतियोगिता रहती है। बारिश और घायल होने का भय भी उनके जोश को कम नहीं कर पाया। जन्माष्टमी में घाटकोपर, दादर, लालबाग और भांडुप सहित समूचे शहर में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। नगर निकाय के अधिकारियों के अनुसार शाम पांच बजे तक मुंबई में करीब 45 गोविंदा घायल हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार घायलों में एक की हालत गंभीर है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य लोगों का प्राथमिक उपचार करने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
पुलिस के अनुसार पालघर में 21 साल के रोहन किनी की मिरगी का दौरा पड़ने से मौत हो गई। हांडी तोड़ने के बाद उसे मानव पिरामिड से नीचे उतारा गया। लेकिन इसके तुरंत बाद उसे मिरगी का दौरा पड़ा। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। ऐरोली में जयेश सरले नामक गोविंदा की मौत हुई है। उसकी मौत बिजली के तार के संपर्क में आने से हुई। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से आयकर की चिंता और नोटबंदी के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल दही हांडी समारोह बहुत फीका रहा।