बाबर के आने और म‎स्जिद ‎निमार्ण का प्रमाण नहीं : स्वरूपानंद

अहमदाबाद, द्वारका में चातुर्मास कर रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद जो अखिल भारतीय श्री राम जन्म भूमि समिति के प्रबंधक ज्योतिषपीठ और द्वारका के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा उन्होंने अपनी याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लगाई है। हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था। जिसे आक्रमणकारियों ने तोड़कर वहाँ मंदिर के ऊपर एक गुम्बद बना दिया था। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपनी याचिका में कहा की इतिहास में बाबर के आने का न तो कोई ठोस प्रमाण है। ना‎हि उसके द्वारा मस्जिद बनाने के कोई प्रमाण है। इसके पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायलय का निर्णय हमारे पक्ष में आया। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा की जब न्यायालय का फैसला हमारे हक में है और न्यायलय का कहना है कि बाहर समझौता कर निर्णय ले लिया जाए तब सरकार को इसे और राजनीतिकरण न करके जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण अयोध्या के राम जन्म भूमि में करने की पहल करना चाहिए!
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की ओर से राज्य सभा सांसद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। उनके साथ परमेश्वर नाथ मिश्र, रंजना अग्निहोत्री एवं संगीता मंडल भी सहयोगी हैं ! पूरे मामले की सुनवाई 5 दिसंबर से पुनः शुरू होगी।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने वर्ष 2010 में विवादित स्थल को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लल्ला के बीच बराबर-बराबर हिस्से में विभाजित करने का आदेश दिया था। कुछ महीने पहले उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का अदालत से बाहर समाधान निकालने की संभावना तलाशने के लिए कहा था। इसे लेकर पक्षकारों की ओर से प्रयास किए गए लेकिन समाधान नहीं निकल सका। लिहाजा उच्चतम न्यायालय को अब मेरिट के आधार पर ही इस विवाद का निपटारा करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *