नई दिल्ली, कांग्रेस के विपक्षी एकता अभियान को एक और बड़ा झटका लगा है, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आगामी चुनावों में भाजपा के मुकाबले मोर्चा बनाने की कोशिशों के तहत बुलाई गई बैठक शरद पवार की पार्टी का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचने के कारण अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पवार भी नीतीश कुमार की तरह एनडीए के खेमे में आ सकते हैं।
दरअसल पवार के मोदी खेमे में आने का एक कारण उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा तो है ही कुछ अन्य कारण भी हैं।
धीरे धीरे उनकी पार्टी के नेता और परिवार के सदस्य जांच के दायरे में आ रहे हैं और संभव है कि अगले कुछ दिनों में कुछ नेताओं की मुश्किल बढ़े। जानकार सूत्रों का कहना है कि उनकी पार्टी के नंबर दो नेता प्रफुल्ल पटेल, शरद पवार के भतीजे अजित पवार, उनके करीबी नेता सुनील तटकरे और यहां तक कि उनके दामाद सदानंद सुले भी मुश्किल में फंस सकते हैं।
सबसे ज्यादा मुश्किल प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार की है। खबर है कि विमानन मंत्रालय में उनके कामकाज की जांच तेज हो रही है। यह भी खबर है कि मंत्रालय ने जांच एजेंसी सीबीआई को नए दस्तावेज दिए हैं। सीबीआई ने इस सिलसिले में तीन मामले दर्ज किए हैं। एक मामला एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के लिए विमानों की खरीद का है। दूसरा बड़ी संख्या में विमान लीज पर लेने का है और तीसरा मुनाफे वाले रूट सरेंडर करने का है। इन तीनों फैसलों से जुड़ी कुछ नई फाइलें सीबीआई को मिली हैं। सो, अब जांच एजेंसी प्रफुल्ल पटेल के मंत्री रहते हुए इन फैसलों की जांच और पूछताछ के लिए लोगों को बुलाना शुरू करेगी।
उधर महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले की जांच चल रही है। इस जांच में अजित पवार और उनके कुछ करीबी नेताओं पर आंच आ सकती है। अभी तक पवार के संबंधों और निजी रसूख की वजह से परिवार बचा हुआ है। नहीं तो कई लोगों की स्थिति छगन भुजबल और उनके परिवार वाली हो गई होती। तभी माना जा रहा है कि शरद पवार विपक्ष की राजनीति के लिए बहुत भरोसे वाले नहीं रह गए हैं। ध्यान रहे पवार के ऊपर प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार दोनों का बड़ा असर है। इसलिए वे कोई भी फैसला इन दोनों के हितों को ध्यान में रख कर करेंगे।
हालाँकि शुक्रवार को सोनिया की बैठक के बहिष्कार की कैफियत पवार की पार्टी ने यह दी है कि कांग्रेस ने गुजरात राज्यसभा चुनाव को लेकर एनसीपी पर गलत आरोप लगाएं हैं। लेकिन इस बहाने कांग्रेस से अलग होने का मौक़ा एनसीपी नहीं गंवाना चाहेगी। प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि कांग्रेसी नेताओं बयानबाज़ी कर एनसीपी को दुःख पहुँचाया है। वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि पवार ने स्वस्थ्य कारणों से बैठक में भाग नहीं लिया है।