इंदौर, सयाजी होटल मामले के आरोपी नगर निगम इंदौर के पूर्व उपयंत्री राकेश मिश्रा को आखिरकार सस्पेंड कर ही दिया गया। मिश्रा के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने दस साल पहले विशेष अदालत में चालान पेश किया था। तब से ही शासन को कार्यवाही के लिए लिखा गया था। अब जाकर उसे पद से हटाया गया। वर्तमान में मिश्रा देपालपुर नगर परिषद में पदस्थ थे, जिसे अब संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास में अटैच कर दिया गया है।
सयाजी मामले में बिल्डिंग अफसर जी.एस. जादौन और सब इंजीनियर राकेश मिश्रा के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने जनवरी १९९८ को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने दोनों के खिलाफ २००७ में जिला एवं सत्र न्यायालय में चालान पेश किया। कोर्ट में तय आरोपों के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और आरोपों को खारिज करवा लिया। लोकायुक्त पुलिस सुप्रीम कोर्ट गई और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कर सत्र न्यायालय के आरोपों को सही ठहराया। इस मामले में लोकायुक्त ने केस दर्ज करने के बाद पांच साल की लंबी जांच के बाद चालान पेश किया था। शासन को इंजीनियर के खिलाफ एक्शन लेने में दस साल लग गए।