अस्पताल समय पर नहीं पहुंचे डॉक्टरों को सिविल सर्जन ने थमाए नोटिस

छतरपुर, नए सिविल सर्जन के आते ही अस्पताल के स्टाफ ही नहीं बल्कि डाक्टर्स की आदत में सुधार की उम्मीद नजर आने लगी है। बुधवार को हुए निरीक्षण में एक साथ 18 डाक्टर्स ओपीडी में समय पर अपने चेंबर में नहीं मिले। सिविल सर्जन ने ऐसे सभी डाक्टरों को नोटिस भेजकर तीन दिन में जबाव मांगा है।छतरपुर शहर के जिला अस्पताल में आसपास के जिलों से ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश के महोबा और बांदा तक से मरीज उपचार कराने के लिए आते हैं, लेकिन यहां बदइंतजामियों के चलते मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासनिक स्तर से सिविल सर्जन का प्रभार डा. एमके प्रजापति को सौंपा गया। उन्होंने पदभार संभालते ही सतत निरीक्षण का दौर शुरू किया है। लगभग एक माह पूर्व ही जिला अस्पताल में आए सिविल सर्जन ने बुधवार को सुबह करीब 9 बजे अस्पताल के ओपीडी का निरीक्षण किया तो अपने चैंबरों में डाक्टर मौजूद नहीं पाये गए। उन्होंने मरीजों को निर्धारित समय में देखने के लिए बनाई गई व्यवस्था के तहत डाक्टर जब चेंबर में नहीं मिले तो 18 डाक्टरों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिए। सिविल सर्जन ने उनसे तीन दिन के अंदर जबाव मांगा है। नवागत सिविल सर्जन डा. एमके प्रजापति ने बताया कि वह जब से पदस्थ हुए हैं तभी से रोजाना अस्पताल का निरीक्षण कर रहे हैं। अस्पताल मरीजों के लिए होता है और डाक्टर दवा से पहले मरीजों के लिए भगवान माने जा सकते है। शासन प्रशासन ने डाक्टर्स को जो दायित्व सौंपा है उस पर सभी चिकित्सकों को खरा उतरना होगा। श्री प्रजापति का कहना है कि हमने भी सभी डाक्टर्स से कह दिया है कि या तो अपनी जिम्मेदारियां निभाओ या फिर मुझे भी यहां से हटवा दो लेकिन मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। बुधवार को निरीक्षण के दौरान डाक्टर्स चैंबर में चिकित्सक डा. आरएस त्रिपाठी, विजय पथौरिया, शैलेंद्र सिंह, आरके चौरसिया, सतीश चौबे, संगीता चौबे, एलसी चौरसिया सहित 18 चिकित्सक समय से अपनी ड्यूटी पर नहीं मिले थे। एक अन्य महिला चिकित्सक गायत्री नामदेव भी विगत 1 अगस्त से मेडीकल पर हैं, चार दिन का मेडीकल अवकाश लेने के बाद अभी तक ड्यूटी पर नहीं पहुंची चिकित्सक गायत्री नामदेव को मेडीकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया है। सिविल सर्जन श्री प्रजापति ने कहा है कि तीन दिन में जबाव देने के बाद यदि फिर भी रवैए में सुधार नहीं आया तो विभागीय निर्देशों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *