कुछ ही दिनों का एनीकेट में पानी!- माचना नदी में खत्म होने के स्थिति में पहुंचा पानी

बैतूल, जुलाई माह के दूसरे सप्ताह की शुरूआत होने पर भी जिला मुख्यालय से होकर गुजरी जीवन दायिनी माचना नदी में पानी खत्म होने की स्थिति में पहुंच गया है। विवेकानंद वार्ड के एनीकेट में पानी नीचे की सतह पर खत्म होते दिखने लगा है। यहां मात्र तीन से चार दिन का पानी शेष रह गया है। यदि तब तक बारिश नहीं हुई तो शहर में एक दिन के बजाए दो दिन के अंतराल में पानी दिया जा सकता है। बारिश न होने से नगर पालिका की मुसीबत और अधिक बढ़ गई है।
लगभग एक पखवाड़े से न सिर्फ बैतूल बल्कि पूरे जिले में नाम मात्र की ही बारिश हो पाई है। फसलों पर पीला मोजेक का अटैक हो चुका है और नदी पोखर में आया बारिश का पानी तापमान बढऩे से लगातार कम होते जा रहा है। इसका सीधा असर पेयजल व्यवस्था पर भी पडऩे लगा है। जिला मुख्यालय के माचना एनीकेट में भी हालत बेकाबू हो गए हैं। पिछले लगभग एक माह से टैंकर बंद करने के बाद नगर पालिका ने बारिश होने पर एक दिन के अंतराल में नलों में पानी देना शुरू किया था। फिलहाल पूरे शहर में स्थिति काबू में आ गई है, लेकिन एक पखवाड़े से बारिश नाम मात्र की होने के कारण फिर जल संकट गहराने के आसार दिखाई देने लगे।
पानी के लिए मचेगा हाहाकार
गुरूवार सुबह तक माचना एनीकेट में नाम मात्र का पानी शेष रह गया है। यह पानी पूरे शहर को जल सप्लाई करे तो महज तीन से चार दिनों में खत्म हो जाएगा। पानी नदी में पोखरों और दूरस्थ अंचलों से बहुत धीरे-धीरे पहुंच रहा है। इसी पानी से फिलहाल शहर में एनीकेट से जल सप्लाई की जा रही है, लेकिन चार दिनों तक बारिश नहीं हुई तो डोह और पोखरों से रूका हुआ पानी निकालकर माचना में छोड़ा जाएगा। यह पानी शहर में वितरित होगा। यदि चार दिनों में बारिश नहीं होती है तो दोबारा शहर में पानी के लिए हाहाकार मचना तय माना जा रहा है।
बारिश नहीं होने से बनी स्थिति
नगर पालिका की माने तो एनीकेट में अब जितना पानी शेष रह गया है वह जल वितरण के लिए पर्याप्त नहीं कहा जा सकता। आने वाले दिनों में विकल्प के रूप में भी तैयारी करना है। इसी वजह बारिश न होने की स्थिति में नगर पालिका शहर में एक के बजाय दो दिन के अंतराल में जल सप्लाई कर सकती है। हालांकि नगर पालिका को उम्मीद है कि बारिश का लम्बा दौर चलेगा। इससे एनीकेट लबालब हो जाएगा। कई वर्षों बाद ऐसी स्थिति निर्मित हुई है जब माचना एनीकेट तलहटी में पहुंच गया है।
किसानों की बढ़ी परेशानी
मौसम विभाग भोपाल द्वारा बारिश को लेकर अब तक की गई सारी भविष्यवाणियां गलत साबित हो रही है। इसके उदाहरण कई मर्तबा देखने को मिल चुके हैं। पिछले कई वर्षों से मौसम विभाग की भविष्यवाणियां गलत होने से आम लोग और किसान परेशान हो गए हैं। पिछले एक पखवाड़े से नाम मात्र की बारिश होने के बाद जिले के कुछ स्थानों पर फसल पर पीला मोजेक रोग का असर भी देखने को मिल गया है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। अभी भी बारिश कब होगी यह कह पानी संभव नहीं है, क्योंकि मौसम विभाग भोपाल ने जितनी भविष्यवाणिया की है सारी एक के बाद एक गलत साबित होते जा रही है।
इनका कहना
बारिश न होने से एनीकेट में नाम मात्र का पानी शेष रह गया है। डोह से पानी लेने का विकल्प तलाश रहे हैं। इसके बाद बारिश नहीं हुई तो दो दिन के अंतराल में भी सप्लाई की जा सकती है।
राकेश चौरसिया, जल निरीक्षक नपा बैतूल।
नवल-वर्मा की रिपोर्ट

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