अब सपा के अशोक बाजपेयी ने पार्टी छोड़ी,विप से भी दिया इस्तीफा

लखनऊ, प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में मची भगदड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को खांटी समाजवादी नेताओं में गिने जाने वाले अशोक बाजपेयी ने भी पार्टी व विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बीती एक पखवारे में ही पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं ने न सिर्फ अपने दल से ही किनारा किया बल्कि उप्र विधानमण्डल के उच्च सदन विधान परिषद से भी अपनी सदस्यता त्याग दी। माना जा रहा है कि सपा के चार तथा बसपा के एक ठाकुर जयवीर सिंह द्वारा विधान परिषद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अब भाजपा सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ सहित सभी पांच मंत्रिमण्डल के सहयोगियों को किसी न किसी सदन का सदस्य बनाने का रास्ता साफ हो गया है। उधर, सपा छोड़ बसपा में शामिल होने वाले अम्बिका चैधरी ने भी बसपा का दामन थामे रखते हुए विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
मंगलवार दिन और देर रात तक गुजरात प्रांत में चले सियासी उठापटक के बाद बुधवार को उप्र में भी नए सिरे से उलटफेर देखने को मिला। सपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाने वाले अषोक बाजपेयी ने पार्टी और विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे के बाद श्री बाजपेयी ने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा समाजवादी पार्टी में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की हो रही उपेक्षा के कारण दिया है। जिसने पार्टी को खड़ा किया, आज पार्टी में उसी को दरकिनार किया जा रहा है। इस्तीफा देने वाले श्री बाजपेयी का विधान परिषद में कार्यकाल 30 जनवरी, 2021 तक था। श्री बाजपेई सपा के बड़े नेताओं में गिने जाते थे। साथ ही वे मुलायम के करीबी माने जाते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में अशोक बाजपेयी को लखनऊ से टिकट मिला था, लेकिन प्रचार शुरू होने के बाद उनका टिकट काट दिया गया था और उनकी जगह पर अखिलेष यादव के करीबी और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को पार्टी ने अपना प्रत्याषी बनाया था। हालांकि, बाद में श्री बाजपेयी को विधान परिषद भेजकर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास किया गया था।
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी में बीते साल की अंत में बढ़ी अन्र्तकलह से नाखुश होकर पूर्व मंत्री एवं अम्बिका चौधरी बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। लेकिन वह विधान परिषद में बतौर सपा सदस्य के रूप में नामित थे। ऐसे में सपा ने उनकी विधान परिषद की सदस्यता को चुनौती दी थी और अब इस मामले में कभी भी फैसला आ सकता था, ऐसे में समय की नजाकत को देखते हुए श्री चैधरी ने बुधवार को विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान अंबिका चैधरी ने कहा कि मैं सपा से चुनाव जीता था लेकिन बसपा में हूं। मुझे पहले इस्तीफा देना चाहिए था लेकिन आज दे रहा हूं। बसपा में ही रहूंगा। उल्लेखनीय है कि एमएलसी अंबिका चैधरी ने आज विधान परिषद पहुंचकर अपना इस्तीफा देने का मन बना लिया है।

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