नई दिल्ली, डोकलाम पर पिछले एक माह से जारी भारत और चीन के विवाद के बीच तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा का बड़ा बयान आया है। दलाई लामा ने कहा कि डोकलाम विवाद कोई सीरियस मुद्दा नहीं है, लेकिन यदि इस मुद्दे पर गलत प्रोपेगैंडा चलाया जाता है तो दोनों देशों में बात बिगड़ सकती है।उन्होंने कहा कि हमारा तिब्बत समाज लोकतंत्र में विश्वास करता है,चीन को भी लोकतंत्र अपनाना चाहिए। दलाई लामा ने कहा कि दोनों देशों के बीच में हिंदी-चीनी भाई-भाई ही एक अंतिम फैसला है,दोनों बड़े देश हैं और दोनों को साथ ही रहना है।उन्होंने कहा कि भारत में उन्हें एक आजादी मिलती है,मैं यहां पर काफी कुछ कर सकता हूं। जहां पर आजादी नहीं है वो जगह मुझे पसंद नहीं है।
बात दे कि चीन के सरकारी अखबार में लगातार इस प्रकार के लेख लिखे जा रहे हैं जिसमें कहा गया है कि भारत लगातार चीन को युद्ध के लिए उकसा रहा है। जबकि सच यह हैं कि भारत कभी भी जंग के लिए काम नहीं कर रही हैं,भारतीय मीडिया भी चीन को लेकर कोई विवादित बयान नहीं दे रही है। डोकलाम में 16 जून को चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण को लेकर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था। डोकलाम पर स्वामित्व पर कोई फैसला न होने का हवाला देते हुए भारतीय सैनिकों ने चीन के सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था। उन्होंने कहा कि भारत के लिए सैन्य अधिकारियों को चीनी क्षेत्र में भेजना अवैध है। फिर चाहे वह भूटान की सुरक्षा चिंताओं या संरक्षण के बहाने ही क्यों न हो। भारत ने अपनी कार्रवाई के संबंध में कोई कानूनी आधार प्रदान नहीं किया है।