बड़वानी, हम गांधीवादी हैं। गांधी के विचारों के साथ हम अपने हक के लिए लगातार लड़ते रहेंगे। हमारा अहिंसात्मक आंदोलन मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा। कभी भी हमने हिंसा का मार्ग नहीं अपनाया। यह बातें नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने कहीं। मेधा पाटकर को अनशन स्थल से हटाए जाने के बाद भी सरदार सरोवर बांध के पानी से प्रभावित लोगों का आंदोलन जारी है। बुधवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ताओ ने धार के ग्राम चिखल्दा में रैली निकाली। सैकड़ों प्रदर्शनकारी अनशन स्थल से गांधी स्मारक तक रैली करते हुए पहुंचे। गौरतलब है कि महात्मा गांधी की अस्थियों का एक कलश नर्मदा के किनारे राजघाट पर बड़वानी स्थापित किया गया था और डूब प्रभावित इलाका घोषित होने से वहां से गांधी जी की अस्थि कलश को हटाकर बड़वानी शहर से सटे कुकरा बसावट पर पुनसर््थापित किया गया। इस स्मारक पर पहुंचकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की रैली समाप्त हुई और कार्यकर्ताओं द्वारा गांधी जी को नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
सरकार को जमकर कोसा
प्रदर्शनकारियों ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को दमनकारी बताया। कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस सरकार ने अंग्रेजों की तरह दमन कारी नीति अपना कर मेधा पाटकर को अनशन स्थल से उठा लिया, इसलिये हम गांधी स्मारक पर प्रार्थना कर सरकार के लिए सद्बुद्धि की कामना करते हैं।
प्रदर्शन के लिए विशेष तारीख
9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इसी की 75वीं वर्षगांठ पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस रैली के चलते भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया।
हेमंत गर्ग