रेरा को रजिस्ट्री रोकने का अधिकार नही,प्रमुख सचिव ने लिखी महानिरीक्षक पंजीयक को नोटशीट

भोपाल, रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट अर्थात रेरा के पास किसी प्रकार से रजिस्ट्री पर रोक लगाने के अधिकार नहीं है। अत: बिल्डर रेरा में रजिस्टे्रशन कराए बिना भी अपनी संपत्तियों की रजिस्ट्री करा सकते हैं। इस आशय की बात प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने राज्य के महानिरीक्षक पंजीयक को लिखी एक नोटशीट में कही है। इससे पहले प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एंटोनी डिसा ने बगैर रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्री नहीं करने संबंधी निर्देश जारी किए थे, जिस पर प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव की यह नोटशीट सामने आई है। सूत्रों की मानें तो श्री श्रीवास्तव ने करीब 9 पेज की नोटशीट लिखते हुए प्रदेश के महानिरीक्षक पंजीयक को स्पष्ट कर दिया है कि रेरा के पास किसी प्रकार से रजिस्ट्री पर रोक लगाने के अधिकार नहीं है। अत: समझा जा रहा है कि श्रीवास्तव के इस निर्देश के बाद पूरे प्रदेश में बिल्डर रेरा में रजिस्टे्रशन कराए बिना भी अपनी संपत्तियों की रजिस्ट्री करा सकेंगे। गौरतलब है कि मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए एंटोनी डिसा को शिवराज सरकार ने रेरा का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यहां श्री डिसा ने अध्यक्ष की हैसियत से निर्देश जारी करते हुए कहा था कि भी बिल्डर 31 जुलाई तक रेरा में अपना रजिस्टे्रशन नहीं कराएगा वह अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं कर सकेगा। इसके बाद 1 अगस्त से संपूर्ण प्रदेश में बगैर रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्री पर लगभग रोक लगा दी गई थी। इससे प्रदेश के बिल्डरों समेत संपत्ति के क्रेता और विक्रेता खासे परेशान थे। सूत्र बताते हैं कि इस विकट स्थिति को देखते हुए ही कुछ जिलों के पंजीयकों ने वाणिज्यिक कर प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मार्गदर्शन मांगा था, जिस पर श्री श्रीवास्तव ने यह नोटशीट तैयार की और मौखिक तौर पर भी बतला दिया कि रेरा को रजिस्ट्री रोकने का अधिकार नहीं है।
महानिरीक्षक मंजीयक ने सरकार से मांगा मार्गदर्शन
इस संबंध में महानिरीक्षक पंजीयक श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने राज्य की शिवराज सरकार से स्पष्ट मार्गदर्शन मांगा है। सूत्र बताते हैं कि प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने एक लंबी नोटशीट महानिरीक्षक को प्रेषित कर दी है। इसमें कानूनों का हवाला देते हुए कहा गया है कि रेरा को केवल पैनल्टी लगाने और बिल्डर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है लेकिन रजिस्ट्री रोकने के निर्देश देने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लेख भी नोटशीट में श्री श्रीवास्तव ने किया है।

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