भोपाल,शहर की मंडियों से गायब हुए प्याज की जांच रिपोर्ट 11 अगस्त तक आ जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के किसानों को रुलाने वाली प्याज अब अधिकारियों को भी रुलाएगी। राजधानी की मंडियों से गायब हुई 17 हजार 400 क्विंटल प्याज की जांच रिपोर्ट शुक्रवार तक कलेक्टर सुदाम खाडे को सौंप दी जाएगी। एडीएम जीपी माली के नेतृत्व में जांच टीम तेजी से काम कर रही है। जांच दल ने खरीदी में लगे मार्कफेड, नान और मंडी प्रशासन से खरीदी के आंकड़े मांगे हैं। विभागों को यह जानकारी एक प्रारूप में भर कर देनी है। इसमें अफसरों को यह बताना होगा कि प्याज किस किसान से खरीदी गई है, जिस गाड़ी में प्याज आई उसका नंबर क्या था और किसान कौन से गांव से आया था। किसान से लिए गए दस्तावेज के साथ फोन नंबर भी दर्ज करना होगा। यह पूरी जानकारी बुधवार तक तीनों विभाग जारी प्रारूप में प्रस्तुत करेंगे। कुल मिलाकर अब यह प्याज अफसरों को भी रुलाएगी। राजधानी में इतना बड़ा प्याज घोटाला होने पर विभागीय सहित दूसरे विभाग के आला अधिकारियों ने गायब प्याज को लेकर जमकर नाराजगी जताई है।
अधिकारियों ने कलेक्टर खाडे को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले में जल्द रिपोर्ट पेश करें। यदि सत्य में गड़बड़ी है, तो इसके पीछे गड़बड़ी करने वालों के नाम सामने लाएं और उस पर कार्रवाई भी करें। इस मामले में विभागीय मंत्री ने भी रिपोर्ट तलब की है। सरकार के समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी के आदेश के बाद 23 जिलों में प्याज की खरीदी की गई थी, लेकिन उज्जैन, शाजापुर, धार, राजगढ़, सीहोर, इंदौर और भोपाल में प्याज की बंपर खरीदी की गई थी। यहां पर प्याज रखने से लेकर बारिश से इसे बचाने का संकट खड़ा हो गया था। यही कारण है कि बारिश में अधिकांश प्याज भीग गई। सरकार ने प्रदेश के 23 जिलों में समर्थन मूल्य पर प्याज की खरीदी कराई थी। शासन ने इसे नीलाम कराया, फिर पीडीएस में सप्लाई कराई। इसके बाद भी प्याज का स्टॉक खत्म नहीं हो सका। अब प्याज सड़ गई है। ऐसे में इस प्याज के विनिष्टीकरण की कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। प्रदेश में सबसे भोपाल में इसके विनिष्टीकरण की कार्रवाई की गई, लेकिन यहां करीब 1 करोड़ 38 लाख रुपए कीमत की प्याज ही गायब हो गई। अब इसकी जांच चल रही है। वहीं, दूसरी तरफ अन्य 22 जिलों में अब भी विनिष्टीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है। यहां अफसर प्याज की नीलामी कराने की बात कह कर अपना बचाव कर रहे हैं।