प्रसूता को कार से पहुंचाने का किराया भी देगी MP सरकार, जल्द आ रही है नीति

भोपाल,प्रदेश सरकार अब प्रसूता को निजी कार या अन्य वाहन से अस्पताल तक लाने के लिए भी किराए का भुगतान करेगी। इसके लिए सरकार जल्द ही नीति बनाने जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार, प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए जननी एक्सप्रेस या 108 एंबुलेंस नहीं मिल रही है तो खुद किराए की कार या अन्य वाहन कर अस्पताल आ सकेंगे। वाहन का किराया सरकार देगी।मालूम हो कि गर्भवती महिलाओं को इलाज या प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाने सरकारी जननी एक्सप्रेस वाहन चल रहे हैं। जननी एक्सप्रेस नहीं मिलने पर महिलाओं को 108 एंबुलेंस से भेजा जाता है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में जननी एक्सप्रेस पहुंचने में कई बार एक घंटे से भी ज्यादा समय लगता है। गांव की लोकेशन पता नहीं होने से वाहन सिर्फ मेन रोड तक ही आ पाते हैं। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर जच्चा-बच्चा को खतरा रहता है। लिहाजा एनएचएम ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है कि सरकारी वाहन नहीं मिलने पर प्रसूता खुद वाहन कर अस्पताल आ सके। वाहन का किराया प्रति किमी के मान से अस्पताल से नगद मिल जाएगा।
बता दें कि करीब छह साल पहले प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रसव परिवहन योजना चलती थी। इसमें किराए के वाहन के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लिए अलग-अलग राशि दी जा रही थी।एनएचएम के अधिकारियों ने बताया कि कई जिलों में करीब 35 फीसदी महिलाएं ही जननी एक्सप्रेस से अस्पताल आती हैं। इसकी बड़ी वजह यह कि परिजनों को लगता है जननी एक्सप्रेस या 108 के इंतजार में देरी न हो जाए। एनएचएम के एमडी डॉ. संजय गोयल ने इस तरह का प्रस्ताव भेजे जाने की पुष्टि की है।

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