लखनऊ,यूपी में लगातार हो रहे अपराधों के मद्देनजर राज्य के पुलिस महानिदेषक (डीजीपी) सुलखान सिंह ने प्रदेशभर के सभी पुलिस अधीक्षक अपराध (एसपी क्राइम) के साथ समीक्षा बैठक कर उनके पेंच कसे और अपराधों पर नियंत्रण के लिए आवष्यक दिशा निर्देश भी दिए।
डीजीपी ने हत्या, बलात्कार, फिरौती के लिए अपहरण, लूट, डकैती, धोखाधड़ी, नकली मुद्रा, मनी लान्ड्रिंग के अपराध, आईटी एक्ट के अपराध, के अलावा अन्तर्राष्ट्रीय अथवा अन्र्तराज्यीय संगठित अपराधों की समीक्षा की। बैठक के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक अपराध चन्द्र प्रकाश ने द्वारा लम्बित अभियोगों के खुलासे के निर्देश देते हुए लम्बित विवेचनाओं के समयबद्ध निस्तारण पर जोर दिया गया। विशेष रूप से पांच वर्ष से पुरानी विवेचनाओं के निस्तारण पर ध्यान देने की अपेक्षा की गयी। वर्षों से लम्बित चल रहे मफरूर तथा वांछित की गिरफ्तारी पर बल दिया गया। जो प्रकरण क्राइम ब्रांच से सम्बन्धित हों, उन्हें स्वतः संज्ञान लेकर कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी। क्राइम ब्रांच का थानों से समन्वय रखे जाने की बात कही गयी। क्राइम ब्रांच की विवेचना यूनिट तथा अन्य यूनिट अभिसूचना शाखा, क्राइम मानिटरिंग, डीसीआर, एएचटीयू आदि के पर्यवेक्षण पर प्रभारी क्राइम ब्रांच को ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।