महाराष्ट्र में पाठ्यक्रम से मुगल शासन का जिक्र गायब, मराठा साम्राज्य पर मुख्य जोर

मुंबई,देश में एक बार फिर इतिहास को लेकर सियासत गरमाने लगी है। महाराष्ट्र राज्य शिक्षा मंडल के नए पाठ्यक्रम में मुगल शासन के जिक्र को पूरी तरह हटा दिया गया है। नए पाठ्यचर्या की कक्षा सात और नौ की किताबों में मराठा साम्राज्य का ही मुख्यरुप से वर्णन किया गया है। राज्य शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम से मुस्लिम शासकों के इतिहास को ही हटा दिया है। नए इतिहास में कहीं जिक्र नहीं है कि ताजमहल, कुतुब मीनार और लाल किला किसने बनवाया। इस किताब में बोफोर्स घोटाले और 1975-77 में लगाए गए आपातकाल का जिक्र विस्तार से किया गया है।
राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने पिछले साल पाठ्यक्रम के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक कमेटी से मुलाकात कर पाठ्यक्रम के मसौदे को लेकर चर्चा की थी। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने अपनी नई पाठ्यचर्या में आधुनिक इतिहास को भी पर्याप्त स्थान दिया है। बोफोर्स घोटाले और कांग्रेस शासनकाल में लगाए गए आपातकाल के बारे में पाठ्यपुस्तकों में विस्तार से बताया गया है। नए पाठ्यक्रम को मुख्य रूप से मराठा साम्राज्य पर केंद्रित रखा गया है। स्वाभाविक रूप से इसमें छत्रपति शिवाजी को बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है। इतिहास की पुस्तकों में छत्रपति शिवाजी की भूमिका और योगदान को विस्तार से बताया गया है। अब तक पढ़ाई जा रही किताबों में शिवाजी को लोगों का राजा कहा गया है, जबकि नई पाठ्यचर्या के तहत प्रकाशित होने वाली किताबों में उन्हें एक आर्दश शासक बताया गया है।

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