भोपाल,मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को नजूल और डायवर्सन टैक्स से 2000 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया है। शासन ने लंबित नजूल के प्रकरणों और डायवर्सन के मामलों में तेजी लाने का निर्देश भी जिला कलेक्टरों को दिए हैं|
जीएसटी लागू होने के बाद सरकार की आय को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश शासन की निगाहें डायवर्सन और नजूल टैक्स पर जम गई है।
मध्य प्रदेश सरकार ने सभी जिलों को 161 वाहन नजूल और डायवर्सन टैक्स वसूल करने के लिए उपलब्ध कराए है। सूत्रों के अनुसार इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर को सबसे ज्यादा लक्ष्य दिया गया है। अकेले इंदौर को 200 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है। सबसे ज्यादा डायवर्सन टैक्स इंदौर से वसूल होता है। उज्जैन और सागर राजस्व वसूली में काफी पिछड़े हुए है। प्रमुख सचिव राजस्व ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वह लंबित मामलों का हल करने के लिए एक अभियान चलाएं, और कर राजस्व की राशि को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की दिशा में ध्यान दें।
डायवर्सन और नजूल टैक्स वसूलने कलेक्टरों को 2000 करोड़ का लक्ष्य
