जीएसटी के बाद अब पिछले दरबाजे से स्थानीय कर लगा रही राज्य सरकार

नई दिल्ली/भोपाल, केंद्र एवं राज्य सरकारों ने आम जनता को भरोसा दिलाया था कि बहुत सारे करों को समाप्त करके एकल कर व्यवस्था जीएसटी के रूप में लागू की जाएगी। जीएसटी कानून लागू हुए केवल एक माह हुआ है। राज्य सरकारें अपने वायदे से मुकर गई हैं। अब जनता से टैक्स वसूल करने के लिए राज्य सरकारें नगर निगम और पंचायतों के माध्यम से कर वसूली करने का काम कर रही हैं।
जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व हानि से बचने के लिए तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा सरकार ने मनोरंजन कर वसूल करने के लिए नया एक्ट लागू कर दिया है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी मनोरंजन कर वसूल करने का अधिकार नगर पालिकाओं, नगर निगम और पंचायतों को देने जा रही है। इससे स्पष्ट है कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने जीएसटी में आम नागरिकों पर भारी करारोपण करने के बाद अब स्थानीय स्तर पर भी तरह तरह से टैक्स लगाने शुरू कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने सिनेमाघरों से मिलने वाला मनोरंजन कर वसूल करने के अधिकार अब नगरीय निकायों और पंचायतों को देने के लिए तैयारी की जा रही है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार नगर पालिका संशोधन विधेयक 2017 और मध्यप्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम राज संशोधन विधेयक 2017 के प्रस्ताव पर वरिष्ठ सचिवों की एक बैठक हुई है। जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, आमोद-प्रमोद पर लगने वाले कर के अलावा मनोरंजन कर भी वसूल कर सकेंगे। संशोधन में इसकी अधिकतम कर सीमा 20 प्रतिशत रखे जाने का निर्णय लिया है।
संविधान के 101 वें संशोधन के अनुसार माल एवं सेवाओं के संबंध में विशेष उपबंध स्थापित कर राज्यों के विधान मंडलों को जो शक्तियां प्रदान की गई हैं। उसमें मनोरंजन कर वसूल करने के अधिकार सरकार नगरीय निकायों और पंचायतों को देने जा रही है। इस तरह के प्रयास जनता के साथ धोखाधड़ी के रूप में ही होंगे। जीएसटी लागू करते समय यह भरोसा दिया गया था। कि देश में एकल कर प्रणाली लागू की जा रही है इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा और विकास को गति मिलेगी।

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