मेडिकल की किताबों का हिंदी में अनुवाद करने के लिए नहीं मिल रहे डॉक्टर

भोपाल, उच्च शिक्षा की पढ़ाई, हिंदी भाषा में हो। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इस विश्वविद्यालय द्वारा मेडिकल की पढ़ाई हिंदी माध्यम से शुरू कराने के लिए मेडिकल के सिलेबस की किताबों का हिंदी में अनुवाद कराने का प्रयास किया जा रहा है। वि.वि. ने अनुवाद की दरें इतनी कम रखी हैं कि कोई भी डॉक्टर अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा अब डॉक्टरों से पूछा गया है कि वह किस दर पर अनुवाद का काम करेंगे, वह खुद ही बताएं। बहरहाल, अभी तक अंग्रेजी से हिंदी का अनुवाद उच्चस्तरीय शिक्षा की पुस्तकों का बहुत कम पैमाने पर हो पा रहा है। मेडिकल शिक्षा के लिए तो अभी यह दूर की बात है।
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