भारत आना एक पड़ाव था, मंजिल नहीं : पनगढ़िया

नई दिल्ली,अरविंद पनगढ़िया 31 अगस्त को नीति आयोग के उपाध्यक्ष के पद से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाएंगे। पनगढ़िया शिक्षा के क्षेत्र में वापस लौटना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। पनगढ़िया ने बताया वह फिर से कोलंबिया विश्वविद्यालय वापस लौट कर एक बार शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत माता की सेवा करने की भावना मुझे भारत वापस खींच लाई थी, लेकिन यह एक पड़ाव था, मंजिल नहीं।
पनगढ़िया ने कहा कि कोलंबिया विश्वविद्यालय से कोई रिटायर नहीं होता है, वहां पर किसी भी उम्र तक आप काम कर सकते हैं। मुझे वहां से पूछा गया था कि मैं वापस लौटूंगा या नहीं, तो मैंने वापस लौटने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस फैसले को किसी और तरीके से नहीं देखना चाहिए। अभी तक के कार्यकाल में मुझे सभी का साथ मिला। पनगढ़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया कार्यक्रम में वह आगे भी भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब हम ऐसे युग में जी रहे हैं, जब दो देशों की दूरी से संबंधों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
अरविंद पनगढ़िया ने कहा हाल के दिनों में भारत ने अनेक मोर्चों पर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था संतोषजनक गति से आगे बढ रही है। आने वाले समय में विकास दर में और तेजी आएगी। प्रधानमंत्री की डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की पहल और नीति, एअर इंडिया जैसे बीमार सरकारी उपक्रमों पर ठोस निर्णयों ने साफ कर दिया कि मोदी सरकार राजकोषीय घाटे पर सजग है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग में हमने उनसभी शंकाओं को दूर कर दिया है, जिनमें कहा जाता था कि राज्यों और केंद्र के बीच बातचीत कम हो रही है। नीति आयोग राज्य में जाकर ही विकास के मुद्दे पर बात करता है। उन्होंने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट और रणनीतिक मामले पर अब भी काम चल रहा है।

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