बिहार: मिट्टी घोटाले में नए जांच के आदेश,पूर्व मंत्री तेजप्रताप की मुश्किलें बढ़ीं

‎पटना, ‎बिहार की नई नीतीश की सरकार ने पूर्व मंत्री तेजप्रताप के ‎‎खिलापफ जांच के नए आदेश जारी कर ‎दिए है। बिहार सरकार ने संजय गांधी बायलॉजिकल पार्क में हुए कथित मिट्टी घोटाले की नई जांच के आदेश दिए हैं। यह कथित घोटाला महागठबंधन की सरकार में पर्यावरण एवं वन मंत्री रहे तेजप्रताप के कार्यकाल में हुआ था। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वन प्रमुख संरक्षक ने विभाग को मिट्टी की खरीद से संबंधित नई फाइलें जमा कर दी हैं। इन फाइलों पर कार्रवाई के लिए अब इन्हें मुख्य सचिव को सौंपा जाएगा। पूर्व नेता विपक्ष और नीतीश की नई सरकार में डेप्युटी सीएम सुशील मोदी ने 4 अप्रैल को इस घोटाले के खुलासे का दावा किया था। सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि सगुना मोड़ पर बने रहे एक मॉल के बेसमेंट से निकाली गई मिट्टी को संजय गांधी जैविक उद्यान को 90 लाख रुपये में बेचा गया। उनका आरोप था कि 90 लाख की यह खरीदारी बिना टेंडर के हुई। सुशील मोदी ने दावा किया था कि मॉल की दो एकड़ की जमीन डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (अब लारा प्रॉजेक्ट्स एलएलपी) की है। उनका आरोप है कि लालू के बेटे, तेजप्रताप और तेजस्वी इस फर्म के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में थे। राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने 6 अप्रैल को वन विभाग को इस खरीदारी और प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज देने को कहा था। 21 अप्रैल को अंजनी कुमार ने कहा था कि पटना चिड़ियाघर द्वारा की गई इस खरीदारी की प्राथमिक जांच में घोटाले के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

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